कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं 12 दिन से शांत बैठे शहर के कृष्णा नगर में अब बाप-बेटा पॉजिटिव पाए गए हैं। पहले तेजी से करवाए गए रैपिड कार्ड टेस्ट की विश्वसनीयता पर उठे सवालों के बाद सरकार ने अब इसे पंजाब में प्रतिबंधित कर दिया, पर इसी टेस्ट से ये दोनों मरीज मिले हैं। मंगलवार को अमृतसर के सिविल अस्पताल में हुए रैपिड टेस्ट में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए। पुष्टि के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इनका सैंपल मेडिकल कॉलेज स्थित इंफ्लुएंजा लैब भेजा। यहां कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया। ये दोनों अमृतसर के कृष्णानगर निवासी हैं ओर कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए 65 वर्षीय बलबीर सिंह के पड़ोसी हैं। पिता घर पर ही रहते हैं, जबकि पुत्र कपड़े की दुकान पर काम करता है। दोनों की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। हालांकि कुछ दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम ने इलाके के लोगों के सैंपल लिए थे तब यह सामने नहीं आए।
कोरोना सकारात्मक मरीज के संपर्क में स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि ये दोनों कोरोना सकारात्मक मरीज के संपर्क में ही आए होंगे। कोरोना सकारात्मक मरीज चार अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। तब से अस्पताल में थे। 20 अप्रैल को उन्हें कोरोना मुक्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया। उनकी पत्नी अब भी कोरोना मुक्त नहीं हो पाई हैं। आइसोलेशन वार्ड में उपचाराधीन हैं। दोनों पॉजिटिव मरीजों को गुरुनानक देव अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवाया गया है। इनके पारिवारिक सदस्यों के सैंपल लेकर घर में ही क्वारंटाइन किया गया है।
तीन दिन चली थी स्क्रीनिंग कृष्णा नगर में करोना मरीज सामने आने के बाद 13, 14 व 15 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग ने आशा वर्कर व एएनएम को पीपीई किट्स पहनाकर कृष्णानगर सहित शहीद ऊधम सिंह नगर व चाटी¨विड इलाकों का सर्वे करवाया। साथ ही इन इलाकों की स्क्रीनिंग भी की गई थी। इस दौरान 52,000 लोगों की स्क्रीनिंग का दावा किया गया था। अब इस स्क्रीनिंग पर स्वालिया निशान खड़े हो रहे हैं। तीन दिन में हजारों लोगों की स्क्रीनिंग करने का दावा ही अपने आप में सवाल खड़े कर गया। इन्फ्रारेड थर्मामीटर के सहारे स्क्रीनिंग कैसे की गई, इस पर विभाग का अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। स्क्रीनिंग की भी गई या सिर्फ पैसे बटोरने की होड में लोगों की आंखों में धूल झोंकी गई।