पुराने विवाद में दोस्तों ने हत्या कर गड्ढे में शव कर दिया दफन, जानवरों ने सिर व हाथ नोंच खाए
दुर्गंध आने पर पुलिस ने की खोदाई, तीन आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुराने विवाद में दोस्तों ने हत्या कर गड्ढे में शव कर दिया दफन, जानवरों ने सिर व हाथ नोंच खाए
अनूपपुर। अमरकंटक थाना के हिंडाल्को क्षेत्र से लापता हुए २८ वर्षीय युवक भीष्म पितामह उर्फ भीमा पिता चैतू बैगा का शव ५ माह बाद ७ अप्रैल को अमरकंटक के ही बराती नाला के पास से पुलिस ने परिजनों के संदेह स्थल से उखाड़ा। गड्ढे से निकाले गए युवक के शव का सिर व हाथ गायब था, सम्भावना है कि दोनों अंग बाहर रहने के कारण जंगली जानवर खा गए होंगे। लेकिन परिजनों ने युवक के पहने कपड़े से उसकी पहचान भीमा के रूप में की। मामले में पुलिस ने 9 अप्रैल को बाराती निवासी तीन युवको को संदेह के आधार पर पकड़ते हुए पूछताछ की, जिसमें तीनों युवकों ने पुराने विवाद में अपने ही दोस्त की हत्या कर शव को गड्ढे में दफन करना स्वीकार। मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आपराधिक धाराए बढ़ाते हुए गिरफ्तार किया। भीष्म पितामह उर्फ भीमा 9 नवम्बर 2018 को लापता हुआ था। थाना प्रभारी आरबी सोनी ने बताया कि 15 नवम्बर 2018 को चैतू बैगा पिता पनकू बैगा ने थाना में सूचना देते हुए बताया था कि 9 नवम्बर 2018 से उसका पुत्र लापता है, जिसके बाद चैतू बैगा ने 7 अप्रैल को बाराती नाला के पास से दुर्गंध आने पर तथा अपने पुत्र की हत्या कर उसे यहां पर गाड़ देने की आशंका पर उसने मोहल्लेवासियों तथा पुलिस को दी थी। तहसीलदार शशांक सिंदे की उपस्थिति में स्थल की खुदाई करते हुए शव को बाहर निकाला गया। शव पूरी तरह से सड़ गया था। सहायक उप निरीक्षक यूएन मिश्रा ने बताया कि पूछताछ पर पता चला की उन्होंने हिंडालको के तीन युवको एवं मृतक की बीच 9 नवम्बर 2018 की रात झगड़ा होना देखा था। जिसके बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर तीन युवक जिनमें २१ वर्षीय सोनू टांडिया पिता कंधई लाल, २७ वर्षीय संतोष पिता मथुरा सिंह मरावी, एवं २२ वर्षीय भुवन कुमार उर्फ गणेश पिता भान सिंह मरावी को पकडते हुए थाने लाया गया। पूछताछ पर तीनों ने बताया की मृतक आए दिन उनके साथ झगड़ा विवाद करता था। इसमें पुराने विवाद को लेकर 9 नवम्बर की रात भी विवाद हुआ जहां तीनों ने मिलकर पत्थर, डंडे से मार कर भीमा बैगा को झाडियों में फेंक घर वापस आ गए तथा आधे घंटे बाद पुन: झाडियों के पास पहुंच फावड़ा व गैती लाकर रात में ही गड्ढा खोद कर जमीन में गाड़ दिया। पुलिस का कहना है कि संभवत: गड्ढा अधिक गहरा नहीं होने के कारण जंगली जानवरो द्वारा खोद सिर व हाथ ले गए होंगे। हत्या के खुलासे में थाना प्रभारी आरबी सोनी, उपनिरीक्षक यूएन मिश्रा, ताकेश्वरी मरकाम, सहायक उपनिरीक्षक अजय सिंह टेकाम, आरक्षक धीरेन्द्र कोल, मनोज सिंह की भूमिका सराहनीय रही।