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अनूपपुर

चट्टान के नीचे से ग्रामीणों और परिजनों ने निकाला दूसरे मजदूर का शव

कोयला निकालने के मामले में तीन ग्रामीण थे शामिल, एक की बची जान, थोड़ी से चूक में १०० फीट नीचे खाई में गिर सकते थे ग्रामीण

अनूपपुरJan 18, 2020 / 09:14 pm

Rajan Kumar Gupta

Villagers and family removed the dead body of another laborer from the

चट्टान के नीचे से ग्रामीणों और परिजनों ने निकाला दूसरे मजदूर का शव

अनूपपुर। एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की दशक पूर्व बंद हरद ओसीएम खदान में कोयला निकालने के दौरान धंसकी चट्टान के नीचे दबकर दो मजदूरों की मौत के मामले में १७ जनवरी को पुलिस के नेतृत्व में ग्रामीणों व परिजनों ने तीन घंटे लगातार कड़ी मेहनत के बाद दूसरे शव को बाहर निकालने में सफलता पाई। जिसकी पहचान ३२ वर्षीय रिसपाल कवर निवासी सकोला के रूप में की गई। शव लगभग १० फीट नीचे मिट्टी व पत्थर के नीचे दबा पाया गया। पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर पीएम उपरांत परिजनों को सौंप दिया। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है। थाना प्रभारी आरएन आर्मो ने बताया कि जहां शव दबा था वह खतरनाक स्थल के रूप में था, जहां थोड़ी सी चूक में ग्रामीण १०० फीट नीचे खाईनुमा तालाब में जा गिरते। बावजूद ग्रामीणों व परिजनों ने तीन घंटे कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला, इससे पूर्व ग्रामीणों ने १६ जनवरी की शाम को तेजपाल प्रजापति निवासी शकोला का शव बाहर निकाला था। थाना प्रभारी ने बताया कि कॉलरी की रेस्क्यू टीम की भी मदद मांगी गई थी, लेकिन यहां किसी प्रकार के मशीनरी उपकरण का उपयोग नहीं किया जा सकता था। पूरे मामले में बताया कि सकोला निवासी रिसपाल कवर उर्फ पप्पू एवं तेजपाल प्रजापति के साथ सुखसागर तीनों लोग 15 जनवरी की रात लगभग 9 से 10 बजे हरद ओसीएम खदान में कोयला खनन के लिए गए थे। जहां तीनों व्यक्ति अलग-अलग स्थान पर गोफ में घुसकर कोयला खोदकर निकाल रहे थे। इसी दौरान ऊपर से 25 फीट ऊंची मिट्टी की चट्टान धंसक गई। जिसमें रिसपाल कंवर एवं तेजपाल प्रजापति मिट्टी के ढेर में दब गए। जबकि तीसरा व्यक्ति सुखसागर के ऊपर भी मिट्टी गिरी, लेकिन वह बच गया। उसे चोट आई है। लेकिन मिट्टी गिरने के बाद घबराएं अपनी जान बचाकर घर भाग गया। अगले दिन जब दोनों व्यक्ति अपने घर नहीं पहुंचे और उसकी तलाश की जाने लगी तब रात की घटना सामने आने लगी। ग्रामीणों को पता था कि ये सभी लोग अक्सर कोयला निकासी करने ओसीएम जाते हैं, जहां सभी ग्रामीण हरद ओसीएम गए। घटना स्थल पर भारी-भरकम चट्टान गिरी हुई थी, पास ही दोनों दबे मजदूरों की साईकिल भी खड़ी थी। घटना स्थल पर मिट्टी का इतना ढेर था कि उसे आसानी से निकालना आसान नहीं था। दबे लोगों तक पहुंच के लिए सही रास्ता भी नहीं था और थोड़ी सी गलती यदि कोई करता तो वह सीधे 100 फीट नीचे गहरे पानी में चला जाता। स्थिति को देखते हुए पुलिस ने कॉलरी प्रबंधन से रेस्क्यू टीम की मांग भी की थी। लेकिन शाम होने की वजह से रेस्क्यू टीम अपना काम नहीं कर सकी। लेकिन गांव के लोग व परिजन मिट्टी को हटाने का काम जारी रखें और उनकी मेहनत से शाम लगभग 6 बजे तेजपाल प्रजापति को बाहर निकाला गया था। शुक्रवार की सुबह पुन: पुलिस, ग्रामीण व परिजन के साथ कॉलरी की रेस्क्यू टीम ने दूसरे मृतक की तलाश जारी रखी। लगभग 12 बजे मिट्टी के ढेर में दबे रिसपाल कवर उर्फ पप्पू को बाहर निकाला गया।
वर्सन:
मामले में तीन लोग शामिल थे, तीसरे व्यक्ति से पूछताछ की जाएगी। फिलहाल दोनों शवों को बाहर निकाला जा चुका है और पीएम उपरांत परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है।
रामनाथ आर्मो, थाना प्रभारी भालूमाड़ा।
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