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अशोकनगर

200 फिट नीचे पहुंचा जलस्तर, नदियां सूखीं और हैंडपंपों में भी नहीं पानी गांवों में बढ़ी पेयजल समस्या

कड़ाके की सर्दी के बीच बढ़ी पेयजल की समस्या, – सर्द हवाओं और कड़ाके की सर्दी के बीच दिनभर पानी ढ़ोने मजबूर ग्रामीण, कई गांवों में एक से डेढ़ किमी दूर से लाना पड़ रहा पीने का पानी।

अशोकनगरJan 10, 2019 / 11:00 am

Arvind jain

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200 फिट नीचे पहुंचा जलस्तर, नदियां सूखीं और हैंडपंपों में भी नहीं पानी गांवों में बढ़ी पेयजल समस्या

अशोकनगर. डेढ़ महीने से जहां पूरा जिला कड़ाके की सर्दी की चपेट में है, ऐसे में बेतवा और कैंथन नदी को छोड़कर ज्यादातर नदियां सूख चुकी हैं और अचानक जलस्तर घटकर 200 फिट से नीचे पहुंच गया है। जबकि सरकारी हैण्डपंपों में 150 से 170 फिट ही पाइप लाइन है, इससे करीब पांच दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल की समस्या बढ़ गई है। अब हालत यह है कि लोगों को सर्द हवाओं के बीच एक से डेढ़ किमी दूर से पानी ढ़ोकर लाना पड़ रहा था, तो कई गांवों में लोगों को हैण्डपंपों में पानी एकत्रित होने का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
वहीं अशोकनगर शहर में भी जिन जगहों पर नपा पानी की पाइप लाइन नहीं पहुंचा पाई हैं, वहां पर पानी की समस्या रहवासियों की परेशानी बन गई है। शहर के यह इलाके हैण्डपंपों पर निर्भर है, लेकिन माता मंदिर रोड, नहर कॉलोनी, शंकर कॉलोनी, वार्ड क्रमांक एक सहित कई मोहल्लों में हालात गंभीर होते नजर आ रहे हैं। हैण्डपंपों का पानी घट जाने से लोगों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इससे सर्दी के मौसम में ही शहर में गर्मी के मौसम की तरह समस्या बनने लगी है। हालत यह है कि लोगों को पानी के लिए लंबी-लंबी लाइनें तो लगाना ही पड़ रही हैं और शहर में लोग साईकिलों, ऑटो और हाथठेलों से पानी ढ़ोते देखे जा सकते हैं। इससे आशंका बढऩे लगी है कि यदि इसी तरह जलस्तर घटा तो आने वाले समस्या पेयजल की स्थिति भयावह हो सकती है।
सिचाई के लिए किसानों की भी बढ़ गई समस्या-
नदियां और तालाब सूखने का असर खेतों पर बने कुओं पर भी दिखने लगा है। सिचाई के लिए खेतों पर बने इन कुओं में भी पानी घट गया है। किसानों का कहना है कि 15 दिन पहले जिस कुए से चार से पांच घंटे इंजन या विद्युत पंप चलाकर सिचाई हो रही थी, अब उन कुओं में मात्र आधा और एक घंटे का ही पानी बचा है। जबकि इस बार जिले में ज्यादातर रकबे में गेहूं की बोवनी हुई है। इससे किसानों को अपनी फसलों को सींचने की समस्या दिख रही है। साथ ही समय पर फसलों की सिचाई भी नहीं हो पा रही।
विभाग ट्यूबवेलों को बता रहा कारण-
पीएचई विभाग जलस्तर घटने का कारण ट्यूबवेलों को बता रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना हे कि जिले में 400 से 500 फिट तक गहरे ट्यूबवेल हैं और ट्यूबवेलों से सिचाई होने की वजह से जलस्तर घट गया, जो हैण्डपंपों के पाइप लाइन के नीचे पहुंच गया है। पीएचई एई एसके लहारिया का कहना है कि डेढ़ महीने में अशोकनगर और ईसागढ़ ब्लॉक में ही करीब 120 से ज्यादा हैण्डपंपों में 300 पाइप बढ़ाए जा चुके हैं और कई गांवों में लोगों को बिजली जाने का इंतजार करना पड़ता है, ताकि हैण्डपंपों में पानी एकत्रित हो सके।
इन तीन गांव से जाने पेयजल के हालात-
1. हैण्डपंप सूखे, विद्युत मोटरों से ला रहे पानी-
मुंगावली तहसील के ढ़ाई हजार की आबादी वाले अचलगढ़ गांव में एक दर्जन हैंण्डपंप हैं। जलस्तर नीचे चले जाने से ज्यादातर हैण्डपंपों में विद्युत पंप डालकर पानी निकालना पड़ रहा है। धर्मेंद्र जैन के मुताबिक जैन मंदिर के पास, आदिवासी टोरा के तीन हैण्डपंप भी बंद पड़े हुए हैं। लोगों को कई किमी दूर से पानी लाना पड़ रहा है।
2. दूर से पानी ढ़ोने मजबूर हैं ग्रामीण-
अशोकनगर तहसील के एक हजार की आबादी वाले बांसापुर गांव में पानी के लिए लोग परेशान हैं, हैण्डपंप सूख गए हैं। वहीं तालाब भी पूरी तरह से सूख चुका है। हालत यह है कि मवेशी भी पानी के लिए भटक रहे हैं। ग्रामीणों को अपनी प्यास बुझाने के लिए दूर से पानी ढ़ोकर लाना पड़ रहा है। इसकी ग्रामीण कलेक्ट्रेट में शिकायत कर चुके हैं।
3. हैण्डपंप में पानी एकत्रित होने का इंतजार-
एक हजार की आबादी वाले मुंगावली तहसील के बरखाना गांव में नल जल योजना बंद पड़ी है। दो हैंडपंप हैं और दोनों में जलस्तर घट जाने से ग्रामीणों को पानी एकत्रित होने का इंतजार करना पड़ता है। इससे कुछ परिवार पानी भर पाते हैं और बाद में फिर इंतजार किया जाता है। इससे दिनभर लोग पानी की व्यवस्था करने में जुटे रहते हैं।
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