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अशोकनगर

विकास के 115 बिंदुओं पर होनी थी चर्चा, पार्षद लामबंद हुए तो सीएमओ ने निरस्त कर दी बैठक

शहर में लंबे समय से अध्यक्ष और नपा कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद से शहर विकास रुकने की बात कहकर भाजपा व कांग्रेस के पार्षद एकजुट होकर लामबंद हो गए।

अशोकनगरSep 13, 2018 / 11:58 pm

Praveen tamrakar

पत्रिका न्यूज

All the councilors sitting in front of the Congress councilor’s house by boycotting the meeting

अशोकनगर. शहर में लंबे समय से अध्यक्ष और नपा कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद से शहर विकास रुकने की बात कहकर भाजपा व कांग्रेस के पार्षद एकजुट होकर लामबंद हो गए। गुरुवार को शहर के 115 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नपा की बैठक होनी थी, लेकिन सीएमओ ने बैठक निरस्त करने की सूचना चस्पा दी। बैठक निरस्त करने का कारण अध्यक्ष का स्वास्थ्य खराब होना बताया गया। इससे शहर के विकास के मुद्दे सिर्फ एजेंडा तक ही सीमित होकर रह गए।

गुरुवार को दोपहर 12 बजे से नगर पालिका में परिषद की बैठक थी। बैठक शुरू होने से पहले ही भाजपा-कांग्रेस के 17 पार्षद एकजुट होकर कांग्रेसी पार्षद रुखसाना वाहिद पटेल के मकान के पास बैठ गए। इससे नपा ने अध्यक्ष का स्वास्थ्य खराब होने का कारण बताते हुए सवा 12 बजे सूचना चस्पा कर दी। जब पार्षद पहुंचे तो सूचना देख नाराज हो गए और उन्होंने सीएमओ से बैठक निरस्त होने का कारण पूछा। इससे करीब दो घंटे तक पार्षद विरोध जताते रहे। बाद में बैठक न होने से पार्षद वापस लौट गए। पार्षदों का कहना है कि अध्यक्ष और नपा के अधिकारी-कर्मचारियों के बीच करीब तीन महीने से विवाद चल रहा है। इससे शहर का विकास रुक गया है। पार्षदों का कहना है कि इस विवाद में शहर की जनता ***** रही है और जनता उनसे सवाल कर रही है। इससे दोनों ही पार्टियों के यह 17 पार्षद पहले से ही बैठक का बहिष्कार करने की बात कह रहे थे। सड़कों की दुर्दशा और रुके कामों को बताया कारण भाजपा-कांग्रेस के पार्षदों ने एकजुट होकर कहा कि शहर में जगह-जगह सड़कें उखड़ी पड़ी हैं और शहर में विकास की दुर्दशा लोगों की परेशानी बनी हुई है। त्योहारों का समय चलने के बावजूद भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पार्षदों का कहना है कि इस विवाद को देखते हुए अब सभी पार्षद समिति बनाकर अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य दिखवाएंगे।

चार साल बाद विकास के लिए एकजुटता
शहर में पिछले चार साल से शहरवासी विभिन्न समस्याओं और सड़कों की दुर्दशा के लिए शिकायतें कर रहे हैं और कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। लेकिन इन चार सालों में शहर के विकास के लिए न तो कभी कांग्रेस के पार्षद एकजुट हुए और न ही भाजपा के। लेकिन अचानक चार साल बाद दोनों ही पार्टियों के पार्षदों का शहर के विकास के लिए एकजुट होना जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर ऐसा क्या कारण है जो अब पार्षदों को विकास की चिंता होने लगी है।

इन मुख्य बिंदुओं पर होना थी बैठक में चर्चा
100 से अधिक बिंदु शहर की विभिन्न गलियों और नालियों के निर्माण सहित डामरीकरण और पेवर्स ब्लॉक निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति से संबंधित थे, लेकिन इन पर चर्चान हो पाने की वजह से अब इन कार्यों को अगली बैठक होने तक इंतजार करना पड़ेगा।
शहर की छोटी-बड़ी नाले-नालियों के सीवरेज वाटर को संग्रहण एवं उपचारित कर पुन: उपयोगी बनाने हेतु ऑटोमेटिक ट्रीटमेंट प्लांट क्रय कर स्थापित करने का भी बिंदु बैठक में रखा हुआ था। जिस पर चर्चा नहीं हो सकी।
राजमाता चौराहा से लेकर अस्पताल तक डिवाईडर की रिपेयरिंग एवं जाली लगवाने की स्वीकृति का मुद्दा भी इस बैठक में रखा हुआ था।
शहर में नवीन नल कनेक्शन पर लगी रोक हटाने की स्वीकृति पर भी चर्चा होना थी, लेकिन अब शहरवासियों को नए नल कनेक्शनों के लिए आगामी बैठक का इंतजार करना पड़ेगा। वहीं कई जरूरी सामग्रियों की खरीदी के लिए भी व्यय पर चर्चा होना थी।

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