जहां तीन साल के नौनिहालों से लेकर 95 साल तक के बुजुर्ग तपती दुपहरी में परिक्रमा करते मिल जाएंगे। खासबात यह है कि कार्यक्रम में हर दिन लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। बावजूद इसके न तो कोई खोया नहीं कोई हादसे का शिकार हुआ है। इस चमत्कार को कोई बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था तो कोई ईश्वर का आशीर्वाद मान रहा है।
देश के विभिन्न हिस्सों में एतिहासिक यज्ञ संपन्न करा चुके यज्ञ सम्राट कनक बिहारी महाराज ने पठार क्षेत्र में एक हजार 212 कुंडीय ब्रहम महायज्ञ संपन्न कराए जाने का संकल्प लिया था। बताते हैं कि संकल्प निविधर््न और निर्विवाद पूरा हो इसके लिए उन्होंने यज्ञ स्थल पर रामनाम संकीर्तन के साथ खुले आसमान के नीचे चतुर्मास भी किया था।
विश्व शांति की भावना को लेकर यज्ञ सम्राट कनक बिहारी महाराज द्वारा बीते साल गमाकर में संपन्न कराए गए १111 कुंडीय महायज्ञ के बाद यज्ञ सम्राट का लक्ष्य १212 कुंडीय ब्रहम महायज्ञ कराए जाने का था। यज्ञ सम्राट की मानें तो १212 कुंडीय महायज्ञ को हमारे शास्त्रों में पूर्ण महायज्ञ का दर्जा है। इसके बाद कोई भी यज्ञ शेष नहीं बचता। यही कारण है कि पठार क्षेत्र में चल रहे 1 हजार 212 कुंडीय ब्रहम महायज्ञ के बाद यज्ञ कराने का उनका संकल्प पूरा हो जाएगा।
श्रद्धालुओं की सहायता के लिए हर समय तैयार रहते हैं क्षेत्रवासी
महायज्ञ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सहायता के लिए प्रशासन ही नहीं बरन क्षेत्रीय लोग भी हर समय तैयार नजर आते हैं। आलम यह है कि रात दो बजे भी पंचर ठीक करने वाले दुकानदार अपनी दुकान खोलकर पंचर ठीक कर रहे हैं। इसके अलावा नईसराय बस स्टैंड पर कई होटल संचालकों ने श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए दुकानों के आगे पेयजल की व्यवस्था कर रखी है।
डुंगासरा रोड़ पर पुलिया के आगे एक ट्यूबवैल 24 घंटे श्रद्धालुओं को नहाने और पीने के लिए पानी उपलब्ध करा रहा है। वहीं डुंगासरा की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को भी कई स्थानों पर पेयजल और ठहरने की व्यवस्था है। महायज्ञ से जुड़े लोगों ने बताया कि मेले की भीड़ में हजारों चेहरे ऐसे हैं जो कलश यात्रा की शुरूआत से आज तक घर ही नहीं गए। यह चेहरे रात 12 बजे तक रासलीला देखकर वहीं पांडाल में सो जाते हैं। सुबह उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर एक बार फि र धार्मिक चर्चाओं में सम्मिलित होना इनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है।
एतिहासिक धार्मिक महायज्ञ का जिले में आयोजन होना गौरव की बात है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। प्रशासन की ओर से महायज्ञ में चार फ ायर ब्रिगेड, एक सैंकड़ा से भी ज्यादा टैंकर, अस्थाई शौचालय के अलावा पेयजल की अन्य व्यवस्थाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। जहां भी प्रशासनिक सहयोग की आवाश्यकता महसूस होती है हमारे अधिकारी-कर्मचारी उपलब्ध हो जाते हैं।
डा. मंजू शर्मा कलेक्टर अशोकनगर
महायज्ञ की सुरक्षा व्यवस्था और यातायात व्यवस्था के लिए दो पारियों में ड्यूटी लगाई गई है। संपूर्ण क्षेत्र में 200 से भी ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। बेहतर व्यवस्थाओं के लिए ईश्वर के आशीर्वाद के साथ प्रशासन का समर्पण भाव भी माना जा सकता है।
पंकज कुमावत पुलिस अधीक्षक अशोकनगर