वह पढ़ाई में कमजोर क्यों?
मामला शहर के तारा सदन स्कूल का है। छठवी कक्षा में पढऩे वाले दिव्यांश रघुवंशी की फीस जमा न होने पर स्कूल ने रिजल्ट रोक दिया। दिव्यांश की मां मनीषा रघुवंशी ने मामले की शिकायत की और बताया कि स्कूल द्वारा पहले तो उसके बेटे की फीस में कंसेशन देने की बात कही गई और नर्सरी से दिव्यांश इसी स्कूल में पढ़ रहा है।
बाद में अब स्कूल द्वारा पूरी फीस मांगी जा रही है, सात हजार रुपए जमा करने के बाद भी और फीस मांगी जा रही है। जब स्कूल से रिजल्ट बताने के लिए कहा तो स्कूल ने छात्र को सप्लीमेंट्री आना बताया, लेकिन सप्लीमेंट्री की परीक्षा में भी छात्र को स्कूल नहीं नहीं बैठने दिया।
मां द्वारा शिकायत किए जाने पर डीईओ आदित्यनारायण मिश्रा ने तारा सदन स्कूल को नोटिस जारी कर कहा कि बच्चे को स्कूल से नहीं निकाला जा सकता है, साथ ही नोटिस में पूछा कि इस कृत्य से क्यों ने स्कूल की सीबीएसई की मान्यता रद्द कर दी जाए। इसके बाद स्कूल ने डीईओ से चर्चा की और स्कूल से निकालने का कारण दिव्यांश को पढ़ाई में कमजोर होना बताया। इस पर डीईओ ने पूछा है कि यह बताएं कि जब छात्र नर्सरी से छठवी तक इसी स्कूल में पढ़ा है तो वह पढ़ाई में इतना कमजोर क्यों है कि उसे स्कूल से निकालने की नौबत आ गई।
डीईओ ने कहा रोकेंगे निजी स्कूलों की मनमानी-
डीईओ आदित्यनारायण मिश्रा का कहना है कि जिले में निजी स्कूलों द्वारा विभिन्न तरहों से की जा रही मनमानी पर रोक लगाई जाएगी और इसके लिए कलेक्टर से चर्चा कर विशेष कदम उठाए जाएंगे। डीईओ का कहना है कि जब छात्र एक ही स्कूल में पढ़ रहा है तो वह पढ़ाई में कमजोर कैसे रह गया और जब वह पढ़ाई में कमजोर रह गया तो फिर किस बात की फीस वसूली जा रही है।