अब इस कानून के पारित होने के साथ ही हांगकांग के अधिकारों, स्वायत्तता में कटौती हो जाएगी। चीन के मुताबिक, इस कानून को आतंकवाद, अलगाववाद और विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत को रोकने के लिए बनाया गया है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, स्थायी समिति के अध्यक्ष ली झांशू ने कहा कि यह कानून हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में कानून का शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए दृढ़ और प्रभावी प्रयासों पर जोर देता है।
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साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट के मुताबिक, इस कानून का उल्लंघन करने पर जेल में अधिकतम सजा उम्र कैद है। सूत्रों ने बताया कि NPCSC ( Standing Committee of the National People’s Congress ) की 162 सदस्यीय समिति ने इसे सुबह 9 बजे मीटिंग शुरू होने के 15 मिनट के भीतर सर्वसम्मति से पारित कर दिया। बता दें कि दो दिन पहले रविवार को NPCSC ने बिल की फास्ट ट्रैकिंग के लिए एक विशेष बैठक शुरू की थी। तीन-दिवसीय सत्र के अंतिम दिन इस बिल को पास किया गया था।
कानून के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन
हांगकांग में लोकतंत्र के प्रख्यात समर्थक जोशुआ वांग, एग्नेश चाउ और नाथन लाउ ने फेसबुक पर बयान जारी करके यह संकेत दिया कि वे लोकतंत्र समर्थक संगठन डेमोसिस्टो से खुद को अलग कर सकते हैं। वांग ने कहा कि वह अपनी जान और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा बन चुका है और किसी को भी इस बारे में जानकारी नहीं है कि इस कानून के परिणाम क्या होंगे, लोगों को चीन प्रत्यर्पित किया जाएगा या उन्हें 10 साल तक की सजा या इससे ज्यादा की सजा दी जाएगी।
इस कानून के पास होने के बाद हांगकांग के मध्य कारोबारी जिले में एक लग्जरी मॉल के बाहर सैंकड़ों की संख्या में लोग जमा हुए और हांगकांग को स्वतंत्र करने और क्रांति के नारे लगाए। इनमें से कई ने ‘हांगकांग स्वतंत्रता’ वाले झंडे और पोस्टर अपने हाथों में लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की निंदा की। पुलिस ने बाद में इस मॉल वाले क्षेत्र की घेराबंदी की और प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की।
EU, अमरीका, ब्रिटेन समेत कई देश चीन के खिलाफ
आपको बता दें कि हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने को लेकर यूरोपीयन यूनियन, अमरीका, ब्रिटेन समेत कई देश चीन के खिलाफ हैं। यूरोपियन यूनियन ( European Union ) ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि यदि चीन ने हांगकांग में विवादास्पद सुरक्षा कानून लागू किया तो वह उसके खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ( ICJ ) जाएगा।
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यूरोपियन संसद ( European Parliament ) में इसको लेकर एक प्रस्ताव रखा गया था और मतदान भी कराया गया । प्रस्ताव के पक्ष में 565, जबकि विपक्ष में 34 वोट पड़े थे, वहीं मतदान के दौरान 62 सांसद कानून के विरोध में अनुपस्थित रहे थे।
अमरीका और ब्रिटेन ने भी हांगकांग मामले पर चीन को चेतावनी दी थी। ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ( British PM Boris Johnson ) ने तो वहां के नागरिकों को ब्रिटेन की नागरिकता देने की भी बात कही थी। ब्रिटेन ने कहा था कि वह हांगकांग के 75 लाख लोगों में से करीब 30 लाख को ब्रिटेन की नागरिकता देने को तैयार है। वहीं अमरीका ( America ) लगातार इस माामले को उठाता रहा है और चीन पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है।