अब बीते कई महीनों से लगातार भारत विरोधी बयानों और गतिविधियों की वजह से चर्चा में रहने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के तेवर में बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्हें तोहफे के तौर पर कोरोना वैक्सीन उपलब्धि कराने को लेकर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए आभार जताया।
Corona Vaccination को लेकर अफवाह फैलाने पर सरकार करेगी कार्रवाई, मिलेगी यह सजा
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टीकाकरण अभियान का उद्घाटन किया।टीकाकरण शुरू होने के इस मौके पर ओली ने कहा ‘हमें कोरोना वैक्सीन देने का मौका जल्दी मिला। इसके लिए मैं पड़ोसी भारत सरकार, भारत के लोगों और विशेष रूप से पीएम मोदी को धन्यवाद और आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने भारत में वैक्सीनेशन शुरू होने के एक सप्ताह के भीतर ही हमें वैक्सीन भेजा और वह भी उपहार में 10 लाख डोज।’
अनुदान में मिले वैक्सीन के बाद अब नेपाल सरकार एक महीने में 40 लाख डोज और खरीदने का विचार बना रही है। लगभग तय माना जा रहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से ही टीकों की खरीद की जाएगी। बता दें कि तेकु स्थित सुकराज संक्रामक रोग अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सागर राजभंडारी को सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया गया।
भारत ने नेपाल को दिए वैक्सीन की 10 लाख डोज
आपको बता दें कि नेपाल में अब तक कोरोना महामारी से 2.70 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि 2 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल की आबादी करीब 3 करोड़ है। अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जा रहा है। देशभर के सभी 65 जिलों में टीकाकरण शुरू किया गया है। नेपाल में करीब 4 लाख 30 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं, जिनमें स्वास्थ्यकर्मी, अस्पतालों में काम करने वाले अन्य कर्मचारी, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी, सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मचारी, वृद्धाश्रमों में रह रहे बुजुर्ग शामिल हैं।
मालूम हो कि भारत में 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी, जिसके अगले दिन ही भारत ने 6 पड़ोसी देशों (बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव, सेशल्स और म्यांमार) को अनुदान स्वरुप कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी।
इसके बाद भारत ने नेपाल को कोरोना टीके ‘कोविशील्ड’ के 10 लाख डोज उपलब्ध कराए हैं। ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से तैयार किए गए हैं।