दरअसल, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के एशिया पैसिफिक समूह (APG) ने अपनी रिपोर्ट में आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के उपायों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
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पाकिस्तान एफएटीएफ की अभी ग्रे लिस्ट में है। उससे आतंक वित्तपोषण व धनशोधन के मामलों में कई कदम उठाने के लिए कहा गया है। अगर वह ऐसा नहीं करता तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा जिसका उस पर गंभीर असर पड़ेगा।
आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम
एफएटीएफ के एशिया पैसिफिक समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 1267 को पूरी तरह से लागू करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। खासकर, लश्करे तैयबा, जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन (FIF) से संबंद्ध लोगों और निकायों और समूह के मुखिया हाफिज सईद के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।
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एपीजी ने एफएटीएफ की बैठक से पहले अपनी रिपोर्ट रविवार को जारी की। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान को बताया गया था कि आतंक वित्तपोषण और धनशोधन की रोकथाम के लिए उसे क्या करना है लेकिन उसने सुस्ती दिखाई है।
आपको बता दें कि इस बीच सोमवार को लाहौर हाईकोर्ट ने हाफिज सईद को एक बड़ी राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इससे साफ हो जाता है कि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ लड़ाई को लेकर कितना गंभीर है।
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