एक साक्षात्कार में शिंजो आबे ने कहा है कि इमरजेंसी हटाने के लिए काफी सख्त आधार तय किया गया है। इसी आधर पर इमरजेंसी को हटाने का फैसला लिया गया है। दरअसल इन क्षेत्रों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया गया है। लोगों ने सरकार द्वारा बताए गए सभी नियमों को माना, जिससे बीमारी पर आसानी से काबू पाया जा सका।
प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अनुसार देश कोरोना से लड़ने में कामयाब रहा है। देश ने इस संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता हासिल की है। जापान में संक्रमण की रोकथाम के लिए सात अप्रैल को इमरजेंसी लगाई गई थी। इसके बाद ये पूरे देश में लागू कर दिया गया।
जापान में बाकी देशों की तुलना में करोनो वायरस का संक्रमण कम फैला हैं। यहां कोरोना के कारण मौतें भी कम हुई हैं। सोमवार तक जापान में कोरोना वायरस के 16,550 मामले सामने आए थे। कोरोना के कारण जापान में कुल 820 लोगों की मौतें हो चुकी हैं।
सख्ती से पालन किए लॉकडाउन के नियम लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान टोक्यो पूरी तरह से शांत रहा। एक समय ऐसा भी था जब जापान में कोरोना वायरस के संक्रमण चरम पर था। हर रोज करीब 700 मामले सामने आ रहे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि हाई लेवल का हाईजीन, जूतों को घर से बाहर ही रखना, मास्क का इस्तेमाल, हाथ न मिलाने से संक्रमण काबू में आ पाया।