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कैलाश मानसरोवर यात्रा: फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने का अभियान समाप्ति की ओर

गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी कि 883 तीर्थयात्रियों को पिछले तीन दिनों में सिमिकोट से सुरखेट और नेपालगंज से निकाला गया है। बता दें कि कैलाश मानसरोवर के 437 तीर्थयात्री सिमिकोट में फंसे हुए थे जबकि 250 तीर्थयात्री हिल्सा में फंसे हुए थे।

नई दिल्लीJul 06, 2018 / 11:06 am

Siddharth Priyadarshi

kailash mansarover

कैलाश मानसरोवर यात्रा: फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने का अभियान समाप्ति की ओर

काठमांडू। काठमांडू में स्थित भारतीय दूतावास ने पुष्टि की है कि नेपाल में कैलाश मानसरोवर यात्रा तीर्थयात्रियों का बचाव अभियान लगभग खत्म हो गया है। दूतावास ने यह भी कहा है कि अब स्थिति नियंत्रण में है।
काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के फर्स्ट सेक्रेटरी प्रणव गणेश ने कहा है कि ‘मुझे आशा है कि यात्रा पर आये लोग अब खतरे से बाहर हैं। यह एक बहुत ही मुश्किल निकासी प्रक्रिया रही है लेकिन अब लगभग खत्म हो गई है और हमने स्थितियों पर नियंत्रण पा लिया है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘हम अपने ऑपरेशन के दौरान होने वाली किसी भी असुविधा के लिए माफी चाहते हैं, लेकिन हम किसी व्यक्ति की कीमत पर किसी अन्य व्यक्ति को निकलने से बचते रहे।’
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तीन दिनों से जारी था बचाव अभियान

गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी कि 883 तीर्थयात्रियों को पिछले तीन दिनों में सिमिकोट से सुरखेट और नेपालगंज से निकाला गया है। बता दें कि कैलाश मानसरोवर के 437 तीर्थयात्री सिमिकोट में फंसे हुए थे जबकि 250 तीर्थयात्री हिल्सा में फंसे हुए थे। निकाले गए सभी बुजुर्गों और बीमार तीर्थयात्रियों की चिकित्सा जांच का प्रबंध किया गया। इसके अलावा सभी टूर ऑपरेटर से तिब्बत में अपने तीर्थयात्रियों को रोक कर रखने का आग्रह किया गया ताकि लौटने वाले तीर्थयात्रियों के कारण फंसे तार्थयात्रियों को निकालने के काम में बाधा न आए।
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3 जुलाई को मौसम की स्थिति में सुधार के चलते सिमिकोट से नेपालगंज तक 158 तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए 10 विंग उड़ानें और दो छोटे चार्टर्ड हेलीकॉप्टर संचालित किए। इसके अलावा बचाव मिशन ने नेपालगंज तक 336 तीर्थयात्रियों को नवकलने के लिए सड़क से 11 बसों का संचालन किया।
अब भी फंसे हैं तीर्थयात्री

कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौटने के कर्म में नेपाल में फंसे कुछ भारतीय तीर्थयात्रियों का घर लौटने का इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है। कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा से लौटने के दौरान भारी बारिश में फंसे लोगों को बचाने के लिए राहत कार्यों को बढ़ा दिया गया है। अब तक किसी तीर्थयात्री के हताहत होने की खबर नहीं है। उधर भारतीय दूतावास का कहना है कि हिलसा में फंसे हुए तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है।
बता दें कि मानसून के मौसम से पहले चीन के तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में हजारों भारतीय तीर्थयात्री नेपाल के रास्ते हर साल कैलाश मानसरोवर यात्रा में भाग लेते हैं। यह दौरा हर साल जून और सितंबर के बीच भारतीय और चीनी विदेश मंत्रालयों के द्वारा अलग-अलग मार्गों के माध्यम से आयोजित किया जाता है ।

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