इसी कड़ी में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बंद किए गए करतारपुर कॉरिडोर ( Kartarpur Corridor ) को एक बार फिर से खोलने का फैसला किया गया है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ( foreign Office ) ने शनिवार को जानाकारी दी है कि 29 जून से करतारपुर कॉरिडोर को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया जाएगा। इस बाबत भारत को बता दिया है कि पंजाब प्रांत ( Punjab Province ) के सिख गुरू महाराजा रणजीत सिंह ( Maharaja Ranjit Singh ) की पुण्यतिथि के अवसर पर वह सोमवार को करतारपुर गलियारा पुन: खोलने के लिए तैयार है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ( Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi ) ने खुद इसकी जानकारी ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा कि पूरी दुनिया में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है इसलिए पाकिस्तान भी करतारपुर साहिब कॉरिडोर ( Kartarpur Sahib Corridor ) को खोलने की तैयारी कर रहा है और इस बात की जानकारी भारतीय पक्ष को भी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि हम 29 जून को महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के मौके पर इसे श्रद्धालुओं के लिए खोलने की तैयारी कर रहे हैं।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण करतारपुर गलियारा पिछले तीन महीने से अस्थायी रूप से बंद है। भारत ने भी वायरस के प्रकोप के मद्देनजर 16 मार्च को पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के लिए तीर्थयात्रा और पंजीकरण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था।
बीते साल नवंबर में हुआ उद्घाटन
मालूम हो कि बीते साल 9 नवंबर में भारत-पाकिस्तान ( India Pakistan ) के बीच सहमति बनने के बाद पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और भारत के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा साहिब को जोड़ने वाला गलियारा श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था।
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बता दें कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के नारोवाल जिले में रावी नदी ( Ravi River ) के पास स्थित है। यह स्थल डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर है। बताया जाता है कि इसी जगह पर गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि करतारपुर गलियारा शांति एवं धार्मिक सद्भावना का असल प्रतीक है।