रज्जाक ने इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। सजा सुनाए जाने से पहले उन्होंने शपथ के साथ कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार की कोई जानकारी नहीं थी। फैसला सुनते समय रज्जाक बहुत ही शांत थे और उनके चेहरे पर कोई भी भाव नजर नहीं आ रहा था।
तीन मामलों में दोषी करार
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री रज्जाक को तीन आरोपों में दोषी करार दिया गया है। जस्टिस मोहम्मद नजलान गजाली ( Justice Mohammad Najlan Ghazali ) ने नजीब पर सत्ता के दुरुपयोग के मामले में 12 साल की सजा सुनाई। इसके अलावा आपराधिक मामलों के तीन आरोपों में 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई। मनी लॉन्ड्रिंग ( Money Laundering ) के तीन आरोपों के लिए 10-10 वर्ष की सजा सुनाई गई है।
कोर्ट ने नजीब पर जेल की सजा के अलावा 21 करोड़ रिंगित का जुर्माना भी लगाया है। सभी आरोपों को लेकर नजीब को 42 साल की सजा सुनाई गई है। हालांकि कोर्ट ने नजीब को रियायत देते हुए कहा है कि ये सभी सजाएं एकसाथ चलेंगी। इसका सीधा सा अर्थ है कि नजीब को केवल 12 साल जेल की सजा काटनी होगी।
नजीब पर भ्रष्टाचार के पांच मामले दर्ज
मालूम हो कि पूर्व पीएम नजीब रज्जाक पर भ्रष्टाचार के पांच मामले दर्ज हैं। विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला नजीब के बाकी मुकदमों पर असर डालेगा। पूर्व पीएम नजीब को सजा होने से देश में आम नागरिकों और कारोबारी समुदाय ( Business community ) के बीच यह साफ संकेत गया है कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की ताकत है। वहीं विश्व समुदाय में ये भी संकेत गया है कि मलयेशिया का कानूनी तंत्र में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय अपराधों से निपटने की ताकत है।
बता दें कि मलेशिया के पूर्व पीएम नजीब रज्जाक को 2018 में अरबों डॉलर के इस घोटाले के मामले में जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा था और इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा था। नजीब को पार्टी से बाहर होना पड़ा था। नजीब के खिलाफ यह फैसला नई सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में नजीब की मलय पार्टी के बड़े सहयोगी के रूप में शामिल होने के पांच महीने बाद आया है।