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मलेशियाई कोर्ट ने म्यांमार के 1200 प्रवासियों को निर्वासित करने पर लगाई रोक

locationनई दिल्लीPublished: Feb 23, 2021 03:48:22 pm

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

मानवाधिकार समूहों की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि प्रवासियों में कई ऐसे हैं जो शरण लेने के इच्छुक हैं और कई नाबालिग हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल मलेशिया और असाइलम एक्सेस मलेशिया की ओर से वाद दायर करने के बाद कोर्ट की तरफ से यह फैसला आया है।

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Malaysian court bans myanmar’s deportation of 1200 migrants

कुआलालंपुर। मलेशिया की एक अदालत ने मंगलवार को म्यांमार के 1200 प्रवासियों को निर्वासित करने पर रोक लगा दी है। आज इन सभी प्रवासियों को मलेशिया से वापस जाना था। कोर्ट ने यह फैसला मानवाधिकार समूहों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है।

मानवाधिकार समूहों की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि प्रवासियों में कई ऐसे हैं जो शरण लेने के इच्छुक हैं और कई नाबालिग हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल मलेशिया और असाइलम एक्सेस मलेशिया की ओर से वाद दायर करने के बाद कोर्ट की तरफ से यह फैसला आया है।

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इन दोनों संगठनों ने प्रवासियों को नौसेना के ठिकाने पर पहुंचाने के महज कुछ देर बाद वाद दाखिल किया, जबकि इन प्रवासियों को ले जाने के लिए म्यांमार के तीन सैन्य पोत तट पर खड़े हैं।

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बुधवार को कोर्ट करेगी सुनवाई

एमनेस्टी इंटरनेशनल मलेशिया की निदेशक कैटरीना जोरेनी मालियामाउ ने जानकारी देते हुए बताया है कि कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए सरकार को उसका सम्मान करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि 1200 प्रवासियों में से एक को भी आज (मंगलवार) निर्वासित नहीं किया जाएगा।

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कैटरीना ने कहा कि कि एमनेस्टी के अनुसार, बुधवार को कोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई करेगी। इधर सरकार से आह्वान किया है कि प्राविसयों को वापस भेजने के फैसले पर फिर से विचार करें। उन्होंने कहा कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट होने और निर्वाचित नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) को अपदस्थ कर जेल में डालने के बाद मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं काफी बढ़ गई है। ऐसे में इन प्रवासियों को वापस भेजना सही समय नहीं है।

आपको बता दें कि बीते दिनों संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने भी प्रवासियों को वापस भेजे जाने को लेकर चिंता जाहिर की थी और कहा था कि म्यांमार भेजे जाने वाले प्रवासियों में महिलाएं व बच्चे भी हो सकते हैं। मालूम हो कि 1 फरवरी 2021 को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट करते हुए सेना ने निर्वाचित नेता आंग सान सू की समेत तमाम बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद से म्यांमार में लगातार विरोध-प्रदर्श का दौर जारी है। इन प्रदर्शनों में अब तक की लोगों की मौत हो चुकी है।

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