scriptनवाज शरीफ भ्रष्टाचार केस: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एनएबी की याचिका खारिज की | Nawaz Sharif corruption case: Supreme Court of Pakistan rejects NAB's | Patrika News

नवाज शरीफ भ्रष्टाचार केस: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एनएबी की याचिका खारिज की

locationनई दिल्लीPublished: Sep 17, 2018 09:43:34 pm

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद भ्रष्टाचार के मामले में अडियाला जेल में बंद थे। फिलहाल तीनों पैराेल पर जेल से बाहर हैं।

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नवाज शरीफ भ्रष्टाचार केस: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एनएबी की याचिका खारिज की

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी-दामाद की दोष सिद्धि के विरुद्ध की गई अपील पर हाईकोर्ट के सुनवाई करने के निर्णय के खिलाफ नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इसे ‘बेतुका’ करार दिया। साथ ही कोर्ट ने ब्यूरो पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
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बता दें, पूर्व पीएम शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर को एक जवाबदेही अदालत ने लंदन में चार आलीशान फ्लैटों की मिल्कियत के सिलसिले में इसी साल जुलाई में भ्रष्टाचार का दोषी पाया था। इस मामले में पूर्व पीएम को 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। जबकि उनकी बेटी मरियम तथा दामाद सफदर को क्रमश: सात और एक साल जेल की सजा दी गई थी। शरीफ ने एवनफील्ड मामले पर आए फैसले पर रोक लगाने के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कीं, जिन पर अदालत सुनवाई के लिए राजी हो गई है।
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इसके खिलाफ नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एवनफील्ड मामले के फैसले पर रोक के लिए दायर शरीफ की याचिकाओं पर सुनवाई पर रोक लगाने की मांग करने वाली एनएबी की याचिका को ‘बेतुका’ कहकर खारिज कर दिया।
एनएबी के अध्यक्ष जावेद इकबाल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि शरीफ परिवार के सदस्यों ने एवनफील्ड संपत्ति मामले में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील की है और उनकी जमानत की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए शरीफ परिवार की याचिका स्वीकार करने से पहले एनएबी को नोटिस नहीं भेजा और कोर्ट एनएबी का नजरिया सुने बिना शरीफ परिवार की याचिका पर फैसला नहीं कर सकता है।
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एनएबी के प्रमुख ने याचिका में यह भी कहा है कि आवेदन को निलंबित करने पर फैसले करने का हक सुप्रीम कोर्ट को नहीं है। इसलिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट को सभी याचिकाओं पर सुनवाई करने से रोका जाना चाहिए। इस दौरान इस्लामाबाद हाईकोर्ट की बैंच ने शरीफ की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उनके 10 सितंबर के आदेश को चुनौती देने पर हैरानी जताई।
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