काठमांडू। पड़ोसी देश नेपाल से एक बड़ी खबर सामने आई है। नेपाल की संसद के निचले सदन के अध्यक्ष कृष्ण बहादुर महारा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कृष्ण बहादुर पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया, जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है।
बता दें कि कृष्ण बहादुर पर संसदीय सचिवालय में एक महिला कर्मी के साथ रेप का आरोप लगा है। अधिकारियों ने बताया कि अध्यक्ष ने विधानसभा उपाध्यक्ष शिवमाया तुंबाहंफे को अपना त्यागपत्र सौंपा।
अपने त्यागपत्र में महरा ने कहा कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है ताकि आरोपों की निष्पक्ष जांच हो। इससे पहले महरा ने महिला के आरोपों से इनकार किया था।
पहले से ही महारा को जानती थी पीड़िता
ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘हमरो कुरा’ में पीड़िता ने दावा किया है कि वह कई सालों से महरा को जानती थी और उन्होंने उनके साथ गलत बर्ताव किया। महिला ने दावा किया कि 23 सितंबर को जब वह अपने किराये के मकान में अकेली थी तब महारा उसके यहां आए थे। पीड़िता का आरोप है कि उसने महारा को नशे की हालत में होने की वजह से घर में घुसने से रोकने की कोशिश की लेकिन उन्होंने नहीं सुनी।
पीड़िता का कहना है कि महारा ने रविवार शाम राजधानी काठमांडू के तिकुने इलाके स्थित उनके किराए के मकान में उसके साथ दुष्कर्म किया। महारा रात के आठ बजे नशे की हालत में मेरे घर पहुंचे थे। उस वक्त उसका पति घर में नहीं था।
हिमालयन टाइम्स की खबर है कि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के सचिवालय ने मंगलवार को इससे पहले एक बैठक की थी जिसमें यह निर्णय किया गया कि महरा प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें।
खबर के अनुसार सत्तारूढ़ दल के प्रवक्त नारायण खजी श्रेष्ठ ने कहा कि सचिवालय की बैठक में निर्णय किया गया कि महरा अपने पद से इस्तीफा दें ताकि उनके विरुद्ध आरोपों की सुचारु जांच हो।
महिला ने अभी तक दर्ज नहीं कराई है शिकायत सदन के उपाध्यक्ष को इस्तीफा सौंपने के बाद महारा ने अपने बयान में कहा है कि सोमवार से ही मीडिया चैनल और कई लोग मुझ पर सवाल उठा रहे हैं। मुझ पर लगे आरोप की निष्पक्ष जांच हो, इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं।’
इधर महारा के निजी सचिवालय ने रेप के आरोपों को खारिज कर दिया है। महारा के प्रेस सचिव ने कहा है कि आरोप बेबुनियाद और भ्रामक हैं। इनमें किसी भी तरह की सच्चाई नहीं है।
प्रेस सचिव ने दावा किया कि महारा को बदनाम करने और उनसे बदला लेने के लिए ये संगीन आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय सचिवालय के स्वास्थ्य विभाग में कोई जगह खाली नहीं थी। जबकि आरोप लगाने वाली महिला अपनी पोस्टिंग यहां पर कराना चाहती थी। जब ऐसा नहीं हुआ तो बदला लेने के लिए अध्यक्ष पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।