पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता पाकिस्तान की सेना प्रमुख ने यह दौरा प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से जारी निर्देश के बाद किया है। उधर पाकिस्तानी सेना ने कहा कि उनका देश युद्ध नहीं चाहता। हालांकि, पाक सेना ने भारत को चेतावनी दी कि अगर वह कोई भी आक्रामक सैन्य कदम उठाता है तो उसका माकूल जवाब दिया जाएगा। पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव दोबारा बढ़ गया है। पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि भारत ने बिना उचित जांच के पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है।
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भारत धमकी जारी कर रहा सेना के प्रवक्ता ने कहा कि उनका 72 वर्ष का इतिहास है। विभाजन 1947 में हुआ था और तब पाकिस्तान आजाद हुआ था। भारत अब भी यह स्वीकार नहीं कर पाया है। सेना के प्रवक्ता ने कहा, वह युद्ध की तैयारी नहीं कर रहे हैं, मगर भारत धमकी जारी कर रहा है। उन्हें धमकियों का जवाब देने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि अगर भारत पहले कोई प्रतिक्रिया शुरू करेंगे, तो वह कभी चकित नहीं कर पाएंगे। वहीं गफूर ने चेताया कि युद्ध की स्थिति में इस बार सेना की प्रतिक्रिया अलग तरह की होगी। उन्होंने कहा कि पाक सेना अतीत की सेना नहीं हैं, वह एक कठोर सेना है।
आतंकवाद और शांति के बारे में बात करें गफूर ने कहा पुलवामा हमला भारतीय सुरक्षा बलों की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीर पर आत्म-मंथन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला नियंत्रण रेखा से मीलों दूर हुआ। इस्तेमाल किए गए विस्फोटक स्थानीय किस्म के थे, इस्तेमाल किया गया वाहन स्थानीय था और जिसने हमले को अंजाम दिया, वह भी स्थानीय युवक था। गफूर ने कहा कि हम कह रहे हैं कि आइए हमले पर बात करें, आतंकवाद और शांति के बारे में बात करें। सबसे बड़ा मुद्दा कश्मीर है इस बारे में बात करें। उन्होंने कहा कि हम दो लोकतंत्र हैं और लोकतंत्र झगड़ा नहीं करते।