बैठक के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह खास जानकारी दी गई। इस कॉउंसिल के मुख्य पैट्रन व केंद्र में सत्तारूढ़ तहरीके इंसाफ पार्टी के सांसद डॉ.रमेश कुमार वांकवानी, कॉउंसिल अध्यक्ष गोपाल खमुआनी, उपाध्यक्ष राजा भवन लोहान, महासचिव पुरषोत्तम रमानी, संयुक्त सचिव पमन लाल राठी व अन्य ने हिस्सा लिया।
पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता पर अमरीकी रिपोर्ट, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से जुड़े मुद्दों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा पर भी बैठक में विचार विमर्श किया गया। रमेश कुमार ने हिंदू समुदाय की परेशानियों से जुड़े मुद्दों पर उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में सूचना दी।
कुमार ने बैठक में बताया कि उन्होंने जबरन धर्मातरण को आपराधिक घोषित करने को लेकर लोगों की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री, सेना प्रमुख और प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा कि जबरन धर्मांतरण के शिकार लोगों को अन्य मुद्दों के साथ-साथ आश्रय दिया जाए और उनकी कानूनी व मेडिकल सहायता भी की जाए। कोई भी युवक या युवती, जब 18 साल के हो जाएं तभी उसके द्वारा किए जाने वाले धर्म परिवर्तन को मान्यता दी जाए। दोषियों को कम से कम पांच साल कैद की सजा दी जाए। उनसे जुर्माना वसूलकर उस धन को पीड़ित को दिया जाए।