आपको बता दें यह मामला 2013 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सत्ता में आने के फौरन बाद दर्ज किया गया था। उन पर 3 नवंबर 2007 को आपातकाल लगाने मे उनकी कथित भूमिका के लिए मामला दर्ज किया गया था।
डीएमके प्रमुख करुणानिधि तबीयत जानने अस्पताल के बाहर लगा समर्थकों का हुजूम, रोते हुए मांग रहे दुआ अभियोजन पक्ष को नहीं जानकारीइस मामले में सबसे खास बात जो है वो ये कि अभियोजन पक्ष को अब भी इस मामले के मुकर्रर होने को लेकर कोई जानकारी नहीं है। वैसे तो इस मामले को महीने की शुरुआत में भी सूचीबद्ध किया गया था लेकिन एलएचसी के सर्वोच्च न्यायाधीश के विदेश दौरे की वजह से इसे रद्द किया गया था।
नई सरकार के लिए भी चुनौती
पाकिस्तान में अब नई सरकार बनने जा रही है, फिलहाल सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल करने वाली पार्टी तहरकी-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान पीएम बनने की जोड़-तोड़ में लगे हैं। ऐसे में वे सरकार बनाने में सफल होते हैं तो नई नवेली सरकार के लिए ये मामला बड़ी चुनौती होगा।
देखना यह भी है कि देशद्रोह का मुकदमा या पीएमएल-एन सरकार की ओर से नियुक्त अभियोजक अकरम शेख को कायम रखती है या नहीं। अखबार ने कहा कि पीएमएल-एन के करीबी माने जाने वाले शेख, हो सकता है खुद को इस मामले से अलग कर लें।