चीन के निर्मला रक्षामंत्री फेंग से मिलीं सीतारमण, इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर की बातचीत
पुराने मुद्दों को सुलझाने की दिशा में प्रगति होगी
कांग ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत में किसी भी तरह के दस्तावेजों को पेश नहीं किया जाएगा, लेकिन दोनों नेता एक सहमति पर पहुंच सकते हैं। इस तरह की सहमति से पुराने मुद्दों को सुलझाने की दिशा में प्रगति होगी। उन्होंने कहा कि चूकि दोनों देश एक-दूसरे के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इस बार दोनों पक्षों ने दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बैठक कराने का निर्णय लिया। हमें सीमा से संबंधित अनसुलझे सवाल पर इस अनौपचारिक बैठक में बातचीत करने की जरूरत है। कांग ने कहा कि हालांकि सीमा मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों को साथ मिलकर इसके लिए अनुकूल स्थिति बनाने की जरूरत है और धीरे-धीरे सीमा मुद्दे पर समुचित समाधान की और बढ़ने की जरूरत है और साथ ही विश्वास व समान सहमति के साथ विभिन्न पक्षों में सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।
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विश्वास की कमी से हुआ विवाद
उन्होंने कहा कि चीन और भारत को आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए काफी प्रयास करने की जरूरत है। पिछले वर्ष घटित सीमा विवाद विश्वास की कमी की वजह से हुआ था। कांग ने कहा कि दोनों नेताओं के पास विशाल जनसमर्थन है। दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को काफी महत्व दिया है और इस संबंध को बढ़ाने के लिए काफी ऊर्जा खर्च की है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से न केवल दोनों देशों को फायदा होगा, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में शांति और विकास का संदेश जाएगा।