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पाकिस्तानः आम चुनाव पर सेना की नजर, मीडिया कवरेज पर दबाव

पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों की मीडिया कवरेज पर सेना दवाब डाल रही है। जिसकी वजह से पत्रकारों को परेशान किया जा रहा है।

Jun 30, 2018 / 11:37 am

mangal yadav

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पाकिस्तानः आम चुनाव पर सेना की नजर, मीडिया कवरेज पर दबाव

इस्लामाबादः पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने जा रहे आम चुनाव की मीडिया कवरेज पर संकट के बादल छा गए हैं। पाकिस्तान के पत्रकारों का आरोप है कि उन पर चुनाव से संबंधित कवरेज नहीं करने का दबाव बनाया जा रहा है। पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष अफजल बट्ट ने कहा कि आज के हालात में जो स्थिति मीडिया की हो रही है वैसी इससे पहले कभी नहीं थी। उन्होंने कहा कि अथॉरिटियों पर सेना का दवाब है। जिस पर कोई भी शख्स बोलने को तैयार नहीं है।

शाहिद खाकान अब्बासी को राहत
उधर, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को बड़ी राहत देते हुए अदालत ने चुनाव लड़ने की मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने अब्बासी को आगामी चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने की मंजूरी देते कहा कि वे जहां से चाहे वहां से चुनाव लड़ सकते हैं। अब्बासी ने न्यायाधीश मजाहिर अली नकवी की अध्यक्षता में लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। अब्बासी ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं कि वह पक्षपातीपूर्ण फैसला था। बता दें कि पाक के पूर्व प्रधानमंत्री अब्बासी मुरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

लाहौर हाईकोर्ट में की थी अपील
दरअसल पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने अभी हाल में ही पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन नेता शाहिद खाकान अब्बासी के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया था। चुनाव आयोग ने कहा था कि, शाहिद खाकान अब्बासी जरुरत के अनुसार हलफनामा दायर करने में नाकाम रहे थे। आयोग के फैसले के खिलाफ अब्बासी ने लाहौर हाईकोर्ट में अपील की थी। याचिका पर सुनाई करते हुए कोर्ट ने अब्बासी को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी।
कौन हैं शाहिद खाकान अब्बासी ?
शाहिद खाकान अब्बासी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री हैं और वे नवाज शरीफ के बेहद करीबी माने जाते हैं। नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराये जाने के बाद अब्बासी को ही पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया था। पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद हुई जांच के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को अयोग्य करार दिया था, जिसके बाद उनको इस्तीफा देना पड़ा था।

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