धार्मिक नेता फतुल्लाह के संगठन को बताया जिम्मेदार तुर्की के करीब नौ हजार पुलिस अधिकारी, छह हजार सशस्त्र बल कर्मी और न्याय मंत्रालय के एक हजार सिविल सेवक इस आदेश से प्रभावित होंगे। तुर्की मीडिया ने इसे आपातकाल का अंतिम आदेश करार दिया है। तुर्की सरकार ने विफल तख्तापलट प्रयास के लिए निर्वासित धार्मिक नेता फतुल्लाह गुलेन से जुड़े समूहों को जिम्मेदार ठहराया है। गुलेन अमरीका में स्वनिर्वासित जीवन बिता रहे हैं।
20 जुलाई,2017 को लागू हुआ था आपातकाल 20 जुलाई 2017 को आपातकाल लागू किया गया था। इसके बाद से हजारों अधिकारियों और शिक्षाविदें को गुलेन के साथ करीबी रिश्तों के चलते गिरफ्तार किया गया और उनके पदों से हटाया गया।
पिछले ही महीने राष्ट्रपति बने एर्दोगन बता दें कि 25 जून को ही रेसेप तईप एर्दोगन ने पूर्ण बहुमत से जीत हासिल कर तुर्की के राष्ट्रपति बने हैं। एर्दोगन को 97.7 फीसदी मतगणना में पूर्ण बहुमत मिला। एर्दोगन को कुल 52.54 फीसदी वोट मिले जबकि उनकी विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) के उम्मीदवार मुहर्रम इंसे को 30.68 फीसदी वोट मिले। ऐतिहासिक जीत से गदगद एर्दोगन ने अपने विजयी संबोधन में कहा था कि इस चुनाव का विजेता लोकतंत्र, लोगों की इच्छा और हर 8.1 करोड़ नागरिक है। मैं एक बार फिर देश को बधाई देना चाहूंगा। यह लोकतंत्र की एक और परीक्षा रही और हमने इसे सफलतापूर्वक पास कर लिया। एर्दोगन 2014 में राष्ट्रपति बने थे। वह इससे पहले 11 वर्षो तक देश के प्रधानमंत्री रहे।