सऊदी अरब की ट्रेड ऐंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने स्पोर्ट्स ऐक्टिविटीज के तौर योग सिखाने को आधिकारिक मान्यता दे दी है। सऊदी अरब में अब लाइसेंस लेकर योग सिखाया जा सकेगा। आपको बता दें कि हिंदुस्तान में कई मुस्लिम संगठन योग का विरोध करते रहे हैं और समय-समय पर इसे एक धर्म से जोड़कर देखा जाता रहा है।
सऊदी प्रशासन के इस ऐलान के बाद नोफ मारवाई नाम की एक महिला को सऊदी अरब की पहली योग प्रशिक्षिका का दर्जा भी मिल गया है। योग को खेल के तौर पर सऊदी में मान्यता दिलाने का श्रेय भी नोफ को ही जाता है। नोफ ने इसके लिए लंबे समय तक अभियान चलाया था। अरब योगा फाउंडेशन की फाउंडर नोफ का मानना है कि योग और धर्म के बीच किसी तरह का कॉन्फ़्लिक्ट नहीं है।
ऐसा नहीं है कि सऊदी अरब में योग को आसानी से मान्यता मिल गई है। इस फैसले के बाद वहां के कुछ धर्मगुरुओं ने इसका विरोध भी किया है। वैसे भी योग को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं के विरोध का मामला कोई नया नहीं है। पिछले दिनों झारखंड के रांची में योग सिखाने वाली रफिया नाज के खिलाफ एक मौलाना के फतवे के बाद कुछ लोगों ने पथराव कर दिया था।
आपको बता दें कि 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को वैश्विक तौर पर स्वीकृति मिली थी और 21 जून को हर साल विश्व भर में योग दिवस मनाया जाता है।