यातायात के नियमों को लेकर संजीदा नहीं गाजियाबादी
गाज़ियाबादPublished: Dec 12, 2015 02:51:28 pm
महानगर के लोग आधुनिकता के इतने करीब आ गए हैें कि नियमों के पालन को पूरी तरीके से भूल चुके हैं। हेलमेट और सीट बैल्ट लगाना मानों इनकी शानौ-शौकत के साथ खिलवाड़ बन चुका है। उनकी यही लापरवाही लोगों
की मौत का सबब बन रही है।


गाजियाबाद। महानगर के लोग आधुनिकता के इतने करीब आ गए हैें कि नियमों के पालन को पूरी तरीके से भूल चुके हैं। हेलमेट और सीट बैल्ट लगाना मानों इनकी शानौ-शौकत के साथ खिलवाड़ बन चुका है। उनकी यही लापरवाही लोगों की मौत का सबब बन रही है।
गाजियाबाद में एक माह के भीतर 68 एक्सीटेंड हो चुके हैं। जिनमें 26 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग चोटिल हो चुके हैं। इन हादसों के शिकार हुए लोग व उनके परिवार के लोगों को शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से क्षति पहुंची है, लेकिन इसके बावजूद लोग नियमों के प्रति संजीदा बनने के लिए तैयार नहीं हैं।
सावधानी हटी दुर्घटना घटी
गाजियाबाद के लोगों को यातायात के नियमों का पालन कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने नवम्बर को यातायात माह के तौर पर मनाया। यूथ के द्वारा नियमों के उल्लंघन को कम करने के लिए स्कूल और कॉलेज स्तर पर अफसरों ने सेमिनार किए और छात्रों को जागरूक भी किया। सभी को नियमों के उल्लंघन ना करने के लिए शपथ भी दिलाई गई, लेकिन फिर भी लोग आधुनिकता के साथ नियमों को अपनाने के लिए तैयार नहीं हैं। अगर जरा सी सावधानी लोग बरतें तो एक्सीटेंड और उनमें होने वाली मौतों के आकड़ों को कम किया जा सकता है।
पुरूषों के मुकाबले महिलाएं बरतती हैं सतर्कता
सीओ ट्रैफिक पीपी कर्णवाल ने बताया कि पुरूषों के मुकाबले महिलाएं नियमों के उल्लंघन के मामले में आगे हैं। वो काफी सतर्कता के साथ वाहन चलाती हैं। इसकी वजह से हादसे कम से कम घटित होते हैं। नवम्बर की बात की जाए तो इस दौरान करीब 45 वाहन चालकों के चालान काटे गए हैं। जिनसे 56 लाख रुपए का शमन शुल्क वसूला गया है। 45 हजार वाहन चालकों में से नियमों के उल्लंघन के मामले में सिर्फ दस प्रतिशत महिलाएं ही शामिल हैं।