ऐसे में राजस्थान भर के ऑटो डीलर्स ने अपना स्टॉक क्लीयर करने के लिए दोपहिया वाहनों पर 70 हजार तक तो चौपहिया वहनों पर 1 लाख रुपए तक की छूट दी है। कुछ कंपनियां इस छूट के साथ ही एक साल का वाहन बीमा भी मुफ्त में दे रही हैं।
वहीं पावर बाइक्स पर कंपनियां 1.50 लाख रुपए तक की छूट दे रही हैं। कोर्ट ने ऑटो कंपनियों को बीएस 3 मानकों की गाडिय़ां सिर्फ दो दिन (30 और 31 मार्च) तक बेचने की छूट दी है। ऑटो डीलर्स का कहना है कि इस बैन से व्यापार पर काफी फर्क पड़ेगा। लगभग सभी डीलर्स के पास बीएस 3 मानकी की काफी गाडिय़ां मौजूद हैं। अब उनके पास इस छूट के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इस संबंध में अभी तक ऑटो कंपनियों ने भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया है। आज तक ऐसा नहीं हुआ कि इतनी बड़ी छूट वाहनों पर दी गई हो।
छूट का गणित… होंडा एक्टिवा—————15,000 होंडा मोटरसाइकिल——-20,000 टीवीएस ज्यूपिटर———10,000 टीवीएस स्कूटी————7,500 हीरो ड्यूट और मास्ट्रो—-14,000 हीरो मोटरसाकिलें ——15,000 रॉयल एनफील्ड———–10,000 सुपर बाइक्स———1,50,000 बोलेरो————-70,000 थार—————-50,000 – 80 हजार ऐसे वाहन हैं राजस्थान में
– 60 हजार इनमें से हैं दुपहिया वाहन – 20 हजार कमर्शियल और चौपहिया वाहन कंपनियों के सामने अब विकल्प 1. पुराने स्टॉक को दूसरे देशों को निर्यात कर सकते हैं।
2.कंपनियां 31 मार्च तक ग्राहकों को डिस्काउंट दें। 3. कंपनियां पुरानी इन्वेंट्री में रेट्रोफिटिंग कर सकती हैं। क्या 1 अप्रेल से महंगे होंगे वाहन? पिछले कुछ दिनों से दबी जबान में ऑटो डीलर्स अप्रेल से वाहनों की कीमत बढऩे की बात कर रहे थे, लेकिन अब खुल कर कह रहे हैं कि 1 अप्रेल से वाहनों की कीमत बढ़ा दी जाएगी।
इस पूरे मामले से जुड़े वो तीन सवाल जो आपके जहन में हैं …तो अब मेरी गाड़ी का क्या होगा? सबसे बड़ा सवाल बीएस 3 की गाडिय़ों का अब क्या होगा। सुप्रीम कोर्ट ने बीएस 3 की नई गाडिय़ों की बिक्री पर रोक लगाई है। यदि पुरानी गाड़ी की खरीद फरोख्त करते हैं तो बीएस 3 की गाडिय़ों का भी रजिस्ट्रेशन होगा। प्रदूषण सर्टिफिकेट के साथ बीएस 3 की गाडिय़ां चलाई जा सकेंगी।
आज नहीं करवाया रजिस्ट्रेशन तो? बीएस 3 मानक की नई गाड़ी 31 मार्च को खरीदने के बाद भी यदि उस दिन रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके हैं तो अप्रेल में भी रजिस्ट्रेशन होगा। हालांकि जरूरी होगा कि आपके पास 31 मार्च की खरीद रसीद और उसी दिन का इंश्योरेंस भी हो।
आखिर है क्या भारत स्टेज मानक? यूरापीय देशों की तर्ज पर 1991 में केंद्र ने वायु प्रदूषण करने वाले तत्वों पर रोक के लिए भारत स्टेज मानक की शुरुआत की। इसके तहत वाहनों के इंजनों को बीएस मानकों के अनुसार तैयार करना था जिससे वायु प्रदूषण कम हो।