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अयोध्या

हिंदुओं के गांव में मुस्लिम प्रधान, 1500 की आबादी, सिर्फ एक घर मुस्लिम, लेकिन चुने गए प्रधान

Ayodhya Hindu dominated village Rajanpur Muslim gram pradhan Hafiz Azimuddin Khan – मंदिर-मस्जिद नहीं अस्पताल है प्राथमिकता

अयोध्याMay 20, 2021 / 11:09 am

Mahendra Pratap

हिंदुओं के गांव में मुस्लिम प्रधान, 1500 की आबादी, सिर्फ एक घर मुस्लिम, लेकिन चुने गए प्रधान

हिंदुओं के गांव में मुस्लिम प्रधान, 1500 की आबादी, सिर्फ एक घर मुस्लिम, लेकिन चुने गए प्रधान

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

सत्य प्रकाश

अयोध्या. Ayodhya Hindu dominated village Rajanpur Muslim gram pradhan Hafiz Azimuddin Khan अयोध्या से 30 किमी दूर एक गांव है मवई रजननपुर। 1500 की आबादी वाले इस गांव के नए ग्राम प्रधान हैं अजीमुद्दीन। अजीमुद्दीन इन दिनों कोरोना से निपटने के लिए गांव में सफाई व्यवस्था और कोविड प्रोटोकॉल के नियमों के पालन की व्यवस्थाओं में जुटे हैं। अजीमुद्दीन की खासियत यही नहीं है। वह एक और विशेषता के लिए इन दिनों सुखियों में बने हुए हैं। दरअसल, हिंदुओं के गांव में इकलौते मुस्लिम परिवार से यह प्रधान बने हैं।
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भगवान राम की जन्मस्थली तो है ही लेकिन, पूरी दुनिया में इसकी चर्चा मंदिर-मस्जिद के लिए हुई कानूनी जंग के लिए भी होती है। लोक सभा चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक धर्म को लेकर ही राजनीति होती है। लेकिन, मवई रजनपुर ग्राम सभा में यह धारणा टूट गयी। धार्मिक सौहार्द का परिचय देते हुए 1500 आबादी वाले हिंदुओं ने एकमात्र मुस्लिम परिवार के अजीमुद्दीन को अपना प्रधान चुना। अजीमुद्दीन बताते हैं मवई ब्लाक रजनपुर हिंदू बहुल्य क्षेत्र है। जिसमें 80 प्रतिशत अनुसूचित जाति के हैं और बाकी अन्य पिछड़े वर्ग से हैं। पूरी ग्रामसभा में एक परिवार मुस्लिम है। ग्रामसभा की सीट सामान्य थी। कोई भी यहां से चुनाव लड़ सकता था। लेकिन, गांव के लोगो ने हमें चुनाव लडऩे के लिए प्रेरित किया। और अंतत: ग्राम प्रधान बनाया।
गांव वालों मिल जुलकर मनाते हैं खुशियां

अजीमुद्दीन कहते हैं कि गांववालों के बीच कभी जाति व धर्म को लेकर कोई झगड़ा नहीं हुआ। सब इंसानियत को मानते हैं। पूरा गांव सबके सुख-दुख में हमेशा एक जुट रहता है। कोई भी त्योहार हो चाहे होली हो दिवाली या फिर रमजान सभी एक दूसरे घर जाते हैं। खुशियां मनाते हैं।
पिता रहे हैं ग्राम प्रधान

अजीमुद्दीन के पिता भी 25 साल पहले ग्राम प्रधान रहे हैं। अजीमुद्दीन के वालिद सलाउद्दीन खान की गांव में बहुत इज्जत थी। पूरा गांव उनकी बात मानता था। किसी भी विवाद पुलिस नहीं आयी। सभी खान के निर्णय को ही मानते थे। बाद के ग्राम प्रधान भी उन्हें खूब सम्मान देते रहे हैं। लेकिन, गांव में अपेक्षा के अनुरूप विकास नहीं हुआ। इसीलिए गांव वालों ने अजीमुददीन को मौका दिया।
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही

नव निर्वाचित ग्राम प्रधान अजीमुद्दीन कहते हैं राममंदिर और मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला दोनों धर्मों के हित में है। अब दोनों ही जगह निर्माण कार्य हो रहा है। इससे एकता और शांति कायम करने में मदद मिलेगी।
गिनायीं अपनी प्राथमिकताएं

अजीमुद्दीन की प्राथमिकता मंदिर और मस्जिद नहीं है। वह अपने गांव में एक अस्पताल का निर्माण चाहते हैं ताकि गांव वालों को जल्द ही गांव में ही सही इलाज मिल सके। इसके लिए वह सांसद और विधायक से मदद मांग रहे हैं। दूसरी प्राथमिकता गांव में इंटरमीडिएट स्कूल खुलवाने की है ताकि लड़कियों को विशेष रूप से शिक्षित किया जा सके।

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