अब नहीं लेगे तांबा दान वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से जो ताम्र पट्टिकाओं का दान मांगा गया था, अब उस रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल तांबे की प्लेटों की जरूरत नहीं है। इनकी जरूरत साल डेढ़ साल के बाद ही पड़ेगी। अब ट्रस्ट ने ये फैसला किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए शिलाओं को जोड़ने में उपयोग आने वाला तांबा सरकार की स्टैंडर्ड कंपनी से खरीदा जाएगा। इसलिए तांबे की पट्टियों को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। बल्कि इसको सरकारी एजेंसी से एक ही आकार की बनवा कर खरीदने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं आतंकी घटनाओं की आशंका को देखते हुए चंपत राय ने साफ किया है कि कोई प्राइवेट एजेंसी रामलला की सुरक्षा के लिए नहीं लगाई जाएगी है। सरकारी एजेंसी ही रामलला की सुरक्षा करेगी। राममंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही रामलला की सुरक्षा और कड़ी की जा सकती है।
दान के लिए विज्ञापन ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट ने अब अखबारों में विज्ञापन देकर दान देने की अपील करने का निर्णय लिया है। ब अलग-अलग स्थानों पर, अलग-अलग भाषाओं में छपने वाले भारतीय अखबारों में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र विज्ञापन देगा। ट्रस्ट की ओर से दिए जाने वाले विज्ञापन में बैंक का नाम, ट्रस्ट का अकाउंट नंबर और बैंक का बारकोड भी होगा। इसी के जरिए दुनिया भर के लोगों को राममंदिर निर्माण के लिए दान हेतु प्रेरित किया जाएगा। वहीं राममंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के साथ बड़ी संख्या में रामभक्त रामलला के लिए दान कर रहे हैं। राम कचहरी मंदिर स्थित ट्रस्ट कार्यालय में प्रतिदिन करीब 30 से 40 हजार की नकदी दान में आ रही है। राममंदिर निर्माण के लिए अब तक करीब 60 करोड़ का दान आ चुका है।