अयोध्या

तिरुपति बालाजी की तर्ज पर होगा अयोध्या रामलला मंदिर का मैनेजमेंट

Ayodhya Ramlala temple अयोध्या राम मंदिर अब तिरुपति बालाजी की तर्ज पर श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। राम मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए तिरुपति जैसी व्यवस्था विकसित की जा रही है। इसके लिए ट्रस्ट का एक प्रतिनिधिमंडल तिरुपति भेजा गया है। जहां वहां पूरी व्यवस्था का अध्ययन करेगा और उसके बाद रामलला मंदिर में उसे मूर्तरुप देगा।

अयोध्याJun 30, 2022 / 04:57 pm

Sanjay Kumar Srivastava

तिरुपति बालाजी की तर्ज पर होगा अयोध्या रामलला मंदिर का मैनेजमेंट

रामलला मंदिर का कार्य तेजी से चल रहा है। साथ ही भगवान राम के दर्शन को लेकर रामभक्तों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। और माना जा रहा है कि, आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की यह भीड़ दिन दोगुनी और रात चौगुनी हो सकती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट संशय में है कि, इस भारी भीड़ को कैसे संभाले। तो अब तिरुपति बालाजी की तर्ज पर श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। राम मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए तिरुपति जैसी व्यवस्था विकसित की जा रही है। इसके लिए ट्रस्ट का एक प्रतिनिधिमंडल तिरुपति भेजा गया है। जहां वहां पूरी व्यवस्था का अध्ययन करेगा और उसके बाद रामलला मंदिर में उसे मूर्तरुप देगा।
तीन दिनी यात्रा

आंकड़ों के अनुसार, रोजाना 20 से 25 हजार लोग रामलला के दर्शन को आते हैं। खास मौके पर यह संख्या करीब एक लाख तक पहुंच जाती है। ऐसा माना जा रहा है कि, मंदिर बनने के बाद हर दिन 75 हजार से 1 लाख लोग प्रतिदिन रामलला दर्शन को आएंगे। विशेष मौकों पर यह भीड़ अनुमानत: 2-3 लाख तक पहुंच जाएगी। तो मंदिर प्रशासन यह चाहता है कि ऐसी व्यवस्था हो जिससे भारी भीड़ होने के बाद भी सभी आसानी और सुलभता से प्रभु के दर्शन कर लें। यही वजह है कि, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट, तिरुपति बालाजी का मैनेजमेंट देखने और सीखने गया है। तिरुपति बालाजी में हर रोज लाखों की भीड़ जमा होती है। इस प्रतिनिधिमंडल में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के डॉ अनिल मिश्रा सहित मंदिर निर्माण संस्था के लार्सन टूब्रो एंड टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के अधिकारी शामिल हैं। यह तीन दिनी यात्रा है।
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गंभीरता से अध्ययन – अनिल मिश्रा

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि, तिरुपति बालाजी प्राचीन मंदिर है। सैंकड़ों वर्ष पुरानी यहां की व्यवस्थाएं हैं। अध्ययन में श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था, सुविधाएं, जल निकासी की व्यवस्थाएं सहित अन्य कई प्रमुख बिंदु शामिल हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2024 की मकर संक्रांति तक रामलला को नवनिर्मित मंदिर के भव्य गर्भ गृह में स्थापित करने का ऐलान कर रखा है।
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