मामला अयोध्या जनपद के जिला चिकित्सालय है, जहां डेंगू की चपेट में आने के कारण एक अधिवक्ता शेष नारायण सिंह को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, लेकिन सुबह होते-होते अधिवक्ता की मौत हो गयी। मृत अधिवक्ता के परिजनों ने जिला अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुये जमकर हंगामा किया। उनका आरोप है कि यदि जिला चिकित्सालय के डाक्टर सही तरीके से इलाज करते हो उनकी जान बच सकती थी। सूत्रों की मानें तो जिला चिकित्सालय में डेंगू के तीन और मरीज भर्ती हैं।
एक तरफ योगी सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर लगातार प्रयास कर रही है, तो वहीं उनके मातहत उनकी इन्हीं प्रयास को पलीता लगाने में जुट गये हैं, यही नहीं समय-समय पर जिला प्रशासन के उच्चाधिकारी संचारी रोगों से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिये तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाता है, जिसमें लाखों रूपये पानी में बहा दिये जाते हैं, इन जागरूकता अभियानों का असल मतलब तक सार्थक होगा जब जिला चिकित्सालय अपने रवैये में सुधार लायेगा। अभी हालही में जिला अस्पताल पहुंचे विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने भी माना कि यहां पर अव्यवस्थाओं का भरमार है लेकिन समय रहते इसमें भी सुधार लाया जायेगा। अब देखना यह है कि जिला चिकित्सालय के जिम्मेदार कब अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करते हैं?