मिनिस्ती एस ने बताया कि जब इन्होंने देखा कि उनकी मां अवधी में रामायण को ठीक से समझ नहीं पा रही हैं तो ऐसे में इन्होंने सोचा कि जब उनकी मां को अवधी में दिक्कत आ रही है तो इसी तरह भारत देश की अलग-अलग भाषाओं को समझने वाले लोगों को भी अवधी समझने में दिक्कत होती होगी इसीलिए उनको यहीं से प्रेरणा मिली और उन्होंने अंग्रेजी में इसका अनुवाद कराया।
मिनिस्ती एस ने बताया कि वह हनुमान भक्त हैं, इसीलिए इन्होंने सबसे पहले सुंदरकांड का अंग्रेज़ी अनुवाद किया। 2016 में इसका अनुवाद शुरू कराया था, 2017 में पब्लिश हो गई थी।50 दिन में किताब का काम पूरा हुआ था। फिर दो साल बाद इन्होंने किष्किंधा कांड के बाद कोविड-19 में अरण्यकाण्ड और अभी 2 महीने पहले लंका काण्ड का अंग्रेज़ी अनुवाद कराया है और अब बालकांड पर काम कर रही है। बालकांड को दो भागों में अनुवाद के जरिए पेश किया जाएगा। वह कहती हैं कि यूं तो इन्हें शुरुआत बालकांड से करनी थी लेकिन जैसा भगवान से चाहा वैसे वैसे अलग अलग भागों का अनुवाद होता गया।