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अयोध्या

रविदास जयंती : जाने श्री राम ने क्यों खाए थे शबरी के जूठे बेर

राम नगरी अयोध्या 645 में रविदास जयंती पर महंत परमहंस दास ने चलाया स्वच्छता अभियान

अयोध्याFeb 27, 2021 / 11:41 am

Satya Prakash

जाने श्री राम ने क्यों खाए थे शबरी के जूठे बेर

जाने श्री राम ने क्यों खाए थे शबरी के जूठे बेर

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या. राष्ट्र में जाति वर्ग व भेदभाव ना बने जिसके लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने वनवास जाते समय शबरी के बीजों के बेर खाए थे और यही है कि आज उनकी आदर्श चरित्र को पूरी दुनिया में माना जाता है और यही संदेशा देने के लिए आज भव्य मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या को स्वच्छ नगरी बनाए जाने की कवायद को लेकर 645 वें रविदास जयंती पर तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने रविदास मंदिर के सामने स्वच्छता अभियान के तहत छुआछूत की भावना समाप्त कर स्वच्छ नगरी बनाए जाने का संदेश दिया है। रविदास मंदिर में गुरु रविदास की पूजन अर्चन भी किया।
राम नगरी अयोध्या के रायगंज क्षेत्र स्थित रविदास मंदिर पर तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत साफ सफाई की गई इस दौरान रविदास मंदिर के महंत वह अन्य लोगों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा बने। रविदास मंदिर के महंत ब्रह्मचारी ने बताया कि आज पहली बार तपस्वी छावनी के महंत परमहंस के द्वारा गुरु रविदास जी के जयंती पर स्वच्छता अभियान चलाया है अयोध्या में पहली बार रविदास जी के मंदिर में आकर आरती पूजन कर सफाई अभियान चलाया है ऐसा सभी लोग नहीं करते हैं और ना ही छुआछूत और जात पात का भेदभाव रखते हैं।
महंत परमहंस दास ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की नगरी में सद्गुरु रविदास जी का मंदिर है यहां पर आज हम लोगों ने झाड़ू लगाकर सफाई किया है और रविदास भगवान का वैदिक मंत्रोच्चारण कर पूजन भी किया है और अपील करते हुए कहा कि आज देश में लोग अच्छे कर्म करें अच्छे रास्ते पर चलें और देश को स्वच्छ बनाएं में अपना सहयोग दें आज विदेशी आक्रांताओं द्वारा हिंदू समाज को बांटने के लिए छुआछूत की बीमारी को फैलाया गया। हमारे धर्म में कभी भी छुआछूत की भावना नहीं रही है भगवान श्री राम भी शबरी के जूठे बेर खाए थे। यह सिर्फ मुगल आक्रांताओं द्वारा छुआछूत फैलाया गया है जिससे हम सभी को एकजुट होकर समाप्त करना होगा।

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