माता सीता की कुलदेवी है मां छोटी देवकाली अयोध्या के सप्त सागर कुंड के पास स्थित छोटी देवकाली मंदिर अत्यंत प्राचीन मंदिर है जिसकी प्राचीनता पुराणों में भी दर्ज है। माता सीता का भगवान श्री राम के साथ विवाह संपन्न होने के बाद जब अयोध्या आ रही थी तो उस दौरान अपनी कुलदेवी माता गौरी को भी अयोध्या लेकर चली आई थी और राजमहल के उत्तर दिशा में स्थित सप्त सागर कुंड के पास स्थापना कर प्रतिदिन पूजन अर्चन करती थी। जिसे आज माता छोटी देवकाली के नाम से जाना जाता है।
माता जानकी जन्मोत्सव पर छोटी देवकाली मंदिर में शुरू हुआ नौ दिवसीय आयोजन अयोध्या की प्राचीन मंदिर पर जानकी जन्मोत्सव की परंपरा को बहुत ही धूमधाम से निभाया जाता है। माता पिता के जन्मोत्सव पर छोटी देवकाली समाज समिति के द्वारा नौ दिवसीय आयोजन प्रारंभ हो गया है जिसमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान तो वहीं देर शाम 1051 बत्ती की भव्य आरती का आयोजन 9 दिनों तक किया जा रहा है। लेकिन मुख्य आयोजन 9 मई को माता देवकाली की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। तो वहीं दौरान माता गौरी की विशाल रथ के साथ उनके नौ रूपों को भी अलग-अलग तैयार किया जाएगा। 10 मई को माता सीता के जन्म उत्सव पर झांकी का आयोजन कर 1051 बत्ती की आरती का आयोजन किया जाएगा।
रामनवमी, हनुमान जयंती के बाद माता जानकी की शोभायात्रा की सुरक्षा अहम रामनवमी के उत्सव को लेकर देशभर में लाखों स्थानों पर भगवान श्री राम की शोभा यात्रा निकाली गई यात्रा पर कई स्थानों पर विवाद भी खड़े हुए इसके बाद दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर निकाली गई शोभा यात्रा को रोकने की कोशिश की गई थी। तो वहीं अब माता सीता के जन्मोत्सव पर अयोध्या में विशाल शोभायात्रा निकाली जाने की तैयारी की जा रही है ऐसे में इस शोभायात्रा की भी सुरक्षा अपने आप मे मायने रखता है। मंदिर समिति के माने तो अयोध्या में निकाले जाने वाले इस शोभा यात्रा को लेकर जिला प्रशासन को अवगत करा दिया गया है उम्मीद है कि किसी भी प्रकार से इस शोभायात्रा में अड़चन नहीं होगी।