बीते दिनों कारसेवकपुरम में संत सम्मेलन हुआ जिसमें अयोध्या के संतों को मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में बताया गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राममंदिर में परकोटा की बात उठाई। उन्होंने बताया कि रामजन्मभूमि परिसर चौरस नहीं है, जिस कारण मंदिर का परकोटा वर्गाकार नहीं बन पा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत पश्चिम व उत्तर-पूरब दिशा में है। किसी भी मंदिर परिसर का वास्तु शास्त्र की दृष्टि से वर्गाकार होना आवश्यक है। ऐसे में आ रही इस समस्या का निराकरण भी करना बेहद जरूरी है। पश्चिम दिशा में ही नजूल की जमीन व मुस्लिम आबादी है। उस जमीन को परिसर में लाना होगा। इसके लिए प्रशासन से बातचीत की जाएगी, ताकि पश्चिम दिशा की बाधा समाप्त हो सके।
केवल यही नहीं, दूसरी तरफ ईशानकोण में स्थित फकीरे राम मंदिर के अधिग्रहण को लेकर भी चर्चा है, हालांकि ट्रस्ट के किसी भी पदाधिकारी ने इस मामले की पुष्टि नहीं की है। यह भी कहा जा रहा है कि फकीरे राम मंदिर को अधिग्रहित करने के लिए ट्रस्ट के पदधिकारी मंदिर के महंत से वार्ता कर रहे हैं जो सकारात्मक दिशा में पहुंच गई है।