राय ने बताया कि राम मंदिर के लिए सोना मुंबई से आया और मूर्ति में इस्तेमाल किया गया पत्थर और भगवान राम की मूर्ति बनाने वाले दोनों कर्नाटक के मैसूर से हैं। हैदराबाद की अनुराधा टिंबर ने दरवाजों की डिजाइन तैयार की है। वहीं, देशभर के मजदूरों ने मंदिर को बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मंदिर को तैयार करने में दिन-रात मेहनत की।उनके सभी कर्मचारी कन्याकुमारी से आए थे।
राय ने बताया कि मंदिर में विराजमान रामलला के लिए कपड़े मनीष त्रिपाठी नाम के एक व्यक्ति ने बनाए और मूर्ति के लिए आभूषण जयपुर की एक फर्म की ओर से बनाए गए। राम मंदिर के लिए कई अन्य वस्तुएं भी दान में आई हैं।