आरएसएस विचारक गोविंदाचार्य का कहना है कि भारत डिटिजल दुनिया में सुपर पावर बन चुका है, अयोध्या मामला राष्ट्रीय महत्व का है। साथ ही जानने के हक को मौलिक अधिकार के दायरे में रखा गया है और न्याय तक पहुंच भी नागरिकों का अधिकार है। ऐसे में अयोध्या मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जानी चाहिए। ताकि आम जनता भी इस सुनवाई का लाइव प्रसारण देख सकें।
गोविंदाचार्य ने सितंबर, 2018 के सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला देते हुए लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत करने की बात कही गई थी। लाइव स्ट्रीमिंग होने से जो लोग अदालत के निर्णय से प्रभावित होते हैं। वे यह समझ सकेंगे कि न्यायिक आदेश किस तरह से दिए जाते हैं। भगवान राम के भक्तों को यह जानने में दिलचस्पी है कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कोई व्यक्ति भगवान राम का प्रतिनिधित्व कैसे करेगा। गोविंदाचार्य ने कहा कि उनकी तरह करोड़ों लोग इस सुनवाई के गवाह बनना चाहते हैं लेकिन मौजूदा व्यवस्था के तहत ऐसा संभव नहीं है। ऐसे में सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग जरूरी है।