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अयोध्या

लॉकडाउन का असर, 28 सालों में दूसरी बार रामलला को मिला न्यूनतम चढ़ावा, एक पखवाड़े में आए केवल 13 हजार रुपए

– वर्ष 2002 में शिलादान के दौरान हुई थी ऐसी ही स्थिति…

अयोध्याApr 07, 2020 / 02:11 pm

नितिन श्रीवास्तव

लॉकडाउन का असर, 28 सालों में दूसरी बार रामलला को मिला न्यूनतम चढ़ावा, एक पखवाड़े में आए 13 हजार रुपए

लॉकडाउन का असर, 28 सालों में दूसरी बार रामलला को मिला न्यूनतम चढ़ावा, एक पखवाड़े में आए 13 हजार रुपए

अयोध्या. कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते हुए लॉकडाउन का असर रामनगरी अयोध्या में रामलला को मिलने वाले चढ़ावे पर भी पड़ा है। लॉकडाउन के चलते श्रद्धालुओं को तरस रहे रामलला को सामान्य दिनों की तुलना में पचास गुने से भी कम चढ़ावा चढ़ा है। इस बार रामलला को केवर 13 हजार रुपए का ही चढ़ावा ही मिला। बीते 28 वर्षों में यह दूसरा मौका है। इसके पहले वर्ष 2002 में शिलादान के दौरान यहां महीनों चले अघोषित कर्फ्यू के दौरान भी ऐसी ही स्थिति आ गई थी। उस समय भी अयोध्या में श्रद्धालुओं के आने-जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसकी वजह से मंदिरों के व्यवस्थापकों को भारी घाटा उठाना पड़ा था।
इस समय भी कोरोना महामारी के चलते देश भर में घोषित लॉकडाउन के चलते रामनवमी मेला नहीं हो सका। यही कारण है कि रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला को न्यूनतम चढ़ावा ही प्राप्त हुआ। वह भी यह चढ़ावा तब आ सका जबकि लाकडाउन के बाद भी रामजन्मभूमि में दर्शन पर कोई रोक नहीं लगाई गई। जबकि बाकी मंदिरों को जिला प्रशासन के निर्देश पर आम श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इसीलिए अयोध्या के दूसरे सभी मंदिरों में आमदनी शून्य हो गयी।
दरअसल सामान्य दिनों रामजन्मभूमि में चढ़ावे की गिनती हर महीने की पांचवी और बीस तारीख को की जाती है। चढ़ावे की राशि ज्यादा होने के चलते बैंक कर्मी हर बार मशीन का प्रयोग करते थे। इस बार भी पांच अप्रैल को रामजन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी डा. अनिल मिश्र की मौजूदगी में भारतीय स्टेट बैंक की अयोध्या शाखा के कर्मचारियों ने चढ़ावे की गिनती शुरू की। जिसमें केवल महज 13 हजार रुपए ही होने के चलते बैंक कर्मियों को मशीन की जरूरत ही नहीं पड़ी। जबकि इसके पहले पखवारे में साढ़े आठ लाख का चढ़ावा रामलला को प्राप्त हुआ था।
आपको बता दें कि पिछले साल नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। श्रद्घालुओं की इसी भीड़ का परिणाम था जिसने रामलला के चढ़ावे में दो गुने से ज्यादा का इजाफा कर दिया था। पिछले महीने 25 मार्च को अयोध्या में रामलला को अस्थाई मंदिर में स्थापित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से रामलला का दानपात्र अबतक आठ बार खोला जा चुका और हर बार फैसले से पूर्व के मुकाबले लगभग डेढ़ से दो गुनी रकम मिल रही थी।

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