ये भी पढ़ें- सोमनाथ से 1800 KM दौड़कर श्री रामलला के दरबार पहुंचा युवक उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति बोबडे का खुले न्यायालय में सुझाव था कि एक समिति को विवाद में संभावित मध्यस्थता के रास्तों का पता लगाना चाहिए। मध्यस्थता प्रक्रिया चल रही थी। न्यायमूर्ति बोबडे जानते थे कि मैं मैं शाहरुख खान के परिवार को अच्छी तरह से जानता था। और इसलिए उन्होंने पूछा कि क्या शाहरुख खान मध्यस्थता में भाग लेने के लिए इच्छुक होंगे।
शाहरुख खान ने दिए थे सुझाव- सिंह ने कहा कि मैंने शाहरुख खान के साथ इस मामले पर चर्चा की और वह इस मध्यस्थता का हिस्सा बनने के लिए तैयार थे। उन्हें लगा कि इस देश में मध्यस्थता सबसे अच्छा तरीका है जिससे हिंदू-मुस्लिम धार्मिक सद्भाव के साथ शांति से रह सकते हैं। शाहरुख यह भी चाहते थे और उन्होंने सुझाव दिया कि मंदिर की आधारशिला कुछ प्रमुख मुसलमानों द्वारा रखी जानी चाहिए, तो मस्जिद की आधारशिला कुछ प्रमुख हिंदुओं द्वारा। दुर्भाग्य से, मध्यस्थता आगे नहीं बढ़ी।