इसी विवाद को लेकर 1 फरवरी 2007 को पंचायत भी की गई। जिसमें समस्या का समाधान नहीं हो सका। उसी रात लगभग 8 बजे अर्जुन पुत्र हरदेव, अमरजीत पुत्र अर्जुन, समरजीत पुत्र रामविलास, राम शरीफ व कैलाश पुत्रगण विंध्याचल तथा समरजीत की बुआ का लड़का प्रताप यादव पुत्र वासुदेव निवासी कम्हरिया थाना दोहरीघाट जनपद मऊ एक राय होकर रामबदन के मंडई पर पहुंच गए।
उक्त लोगों ने रामबदन पर चाकू से हमला कर दिया। शोरगुल सुनकर संवरूपुर के पलटन आ गए तो हमलावरों ने पलटन पर बरछे से हमला कर घायल कर दिया। अस्पताल ले जाते समय पलटन की मौत हो गई। इस हमले में रामबदन तथा उसके लड़के सुरेश को गंभीर चोटे आई।
पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी छह आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से रामबदन, सुरेश, उमाकांत, लौटन, डॉ. केएन पांडेय, फार्मासिस्ट श्रीकांत चतुर्वेदी, एक्स रे टेक्निशियन ओम प्रकाश तथा रिटायर्ड उपनिरीक्षक लालबली ने गवाही दी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने अर्जुन, अमरजीत, अमरजीत, रामशरीख, कैलाश तथा प्रताप यादव को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को सत्ताइस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
BY Ran vijay singh