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अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि मंडलायुक्त आम आदमी के हितो का बिल्कुल ख्याल नहीं हैं। पहले तो वे हिंदी समझ नहीं बाते जिसके कारण उन्हें वादकारियों का बयान आदि सुनने और समझने में दिक्कत होती है।
मंडलायुक्त द्वारा मंडल के तीनों जनपद के अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देशित किया गया है कि वादकारियों को नोटिस जारी करके मुकदमे की सुनवाई सीधे वादकारियों से की जाए। मंडलायुक्त का यह निर्देश मनमाना है तथा वादकारियों को अधिवक्ता के माध्यम से पैरवी कराने से वंचित करने वाला है। इसका विरोध भी हो रहा है लेकिन वे अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।
अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि मंडलायुक्त आम आदमी के हितो का बिल्कुल ख्याल नहीं हैं। पहले तो वे हिंदी समझ नहीं बाते जिसके कारण उन्हें वादकारियों का बयान आदि सुनने और समझने में दिक्कत होती है।
मंडलायुक्त द्वारा मंडल के तीनों जनपद के अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देशित किया गया है कि वादकारियों को नोटिस जारी करके मुकदमे की सुनवाई सीधे वादकारियों से की जाए। मंडलायुक्त का यह निर्देश मनमाना है तथा वादकारियों को अधिवक्ता के माध्यम से पैरवी कराने से वंचित करने वाला है। इसका विरोध भी हो रहा है लेकिन वे अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।
कमिश्नरी बार के अध्यक्ष तारकेश्वर मिश्र, मंत्री अनीस अहमद आदि ने आरोप लगाया कि सत्ता की मंशा के विपरीत मंडलायुक्त अपनी अलग सत्ता चलाना चाहते है। विरोध में तहसील से लेकर जिले तक की अदालते ठप पड़ी हैं। जिसके कारण वादो का निस्तारण बुरी तरह प्रभावित हैं।
पंकज सिंह ने समस्या सुनने के बाद अधिवक्ताओं को आश्वस्त किया कि वे इस संबंध में संबंधित मंत्री और मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। जरूरत पड़ी तो अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल लखनऊ बुलवाकर सीएम से वार्ता कराकर समस्या का समाधान कराएंगे। उन्होंने कहा कि आम आदमी को समय से न्याय दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं और इसमें किसी भी स्तर पर मनमानी या लापरवाही होती है तो सरकार कार्रवाई करेगी।
By Ran Vijay Singh