अध्यक्ष मोहम्मद नजम शमीम ने कहा कि भारतीय नागरिकों द्वारा अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण हेतु दिये गये चंदे से 12080 वर्ग मीटर भूमि की खरीदी की गयी, जिसको लेकर आर्थिक अनियमितता का मामला सामने आया है। इसकी जांच होनी चाहिए। ताकि सच सबके सामने आ सके और यह स्पष्ट हो सके कि किस दबाव में दो करोड़ रूपये में खरीदी गयी भूमि को लगभग आठ गुणा अधिक मूल्य पर बैनामा होने दिया गया।
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शमीम ने सवाल किया कि बैनामे में दर्ज गवाहों और विक्रय करने वालों के बीच क्या व्यापारिक और व्यक्तिगत रिश्तेदारी है। इतना ही नहीं क्या इस भूमि के मालिकाना हक को लेकर कथित रूप से वक्फ बोर्ड में आपत्ति दर्ज करायी गयी थी तो विवादित भूमि होने के बाद भी ट्रस्ट द्वारा इस भूमि की खरीद को कैसे मंजूरी प्रदान कर दी गयी।
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सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि इस भूमि को 18.5 करोड़ में ट्रस्ट को बेचा गया है। उन्होंने भूमि से संबंधित प्राप्त राशि को किन खातों में स्थानातंरित किया गया इसका लेखा जोखा प्रस्तुत किया जाए। उपाध्यक्ष शाहिद खान ने कहा कि श्री राम मंदिर के लिए प्रस्तावित स्थल से लगभग 2.5 किलीमीटर दूर औचित्यहीन भूमि की खरीद के लिए ट्रस्ट के किसी भी जिम्मेदार सदस्य ने अपना विरोध क्यों नहीं दर्ज कराया। शहर कांग्रेस कमेटी ने आस्था के प्रतीक प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण को किसी भी प्रकार की आर्थिक और अनियमितताओं की शंकाओं से मुक्त रखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।
इस अवसर पर बरखू सोनकर, रियाजुल हसन, राहुल प्रजापति, सोनू प्रजापति, डा आदित्य सिंह, मुसफिक जमाली, जाहिद खांन, मोहम्मद फहीम, आदिल शेख, मोहम्मद अबसार, अब्दुल रहमान, नाजिम, मोहम्मद आमिर, सलमान, राशिद आदि लोग मौजूद रहे।
BY Ran viay singh