जी हां आजमगढ़ के जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी जब से यहां पदभार संभाले हैं स्वच्छता को लेकर लोगों के मन में बड़ा विश्वास पैदा कर दिया है। हर रोज खुद तमसा के गहरे पानी में घुसकर सफाई करने वाले जिलाधिकारी सोमवार को भी शहर में सफाई की पड़ताल कर रहे थे।
इसी बीच उनकी नजर कूड़ा उठाने वाले एक बच्चे पर पड़ गई। बच्चा धूप की परवाह किये बिना कूड़ा उठाये जा रहा था। डीएम ने अपनी गाड़ी रूकवा दिया। बच्चे को अपने पास बुलाया। पूछा तो उसने अपना नां रोहित बताया। उसके पैरों में न चप्पल थे और शरीर पर कपड़े। जिलाधिकारी ने पूछा तो बताया कि मैं गरीब हूं नाना के घर रहकर कचरा उठाने का काम करता हूं। जो कुछ पैसे कमाता हूं उससे अपने नाना की सेवा करता हूं।
बच्चे की बात सुनकर डीएम का दिल भर आया। तुरंत जिलाधिकारी ने उसके नाना को बुलवाया। डीएम का संदेश सुनते ही नाना जीवनधन निषाद दौड़े आ गये। डीएम ने कहा कि आपका बेटा इस गर्मी में बिना चप्पल जूते के कितनी मेहनत से काम कर रहा है। नाना ने बताया कि कुछ है ही नहीं इसी के सहारे जीवन जी रहे हैं। जिलाधिकारी ने आवास आवंटित करने की स्वीकृति दी तथा इसी के साथ-साथ संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि रोहित का प्राथमिक विद्यालय में दाखिला कराना सुनिश्चित करें। डीएम ने उस बच्चे से कहा तुम कल से स्कूल जाओ खूब पढ़ो तुम एक दिन बहुत बड़े अधिकारी बनोगे। डीएम की इस दिलेरी को जिसने भी देखा उसने जमकर तारीफ किया।
23 दिन से तमसा सफाई अभियान में जुटे हैं डीएम ये पहला मामला नहीं है। जिलाधिकारी तमसा की सफाई को लेकर भी चर्चा में हैं। लगातार 23 दिन से खूब तमसा नदीं में घंटों सफाई करते हैं। डीएम को देखकर सैकड़ों युवा भी उनके पीछे सफाई करने जुट जाते हैं। अब इस बच्चे को दिये इस सौगात से भी उनकी तारीफ की जा रही है।