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आजमगढ़

आजमगढ़ की बैठक में सीएम के सलाहाकार भी रहे मौजूद, तैयार की गई विकास की रूपरेखा

पूर्वांचल विकास बोर्ड की पहली बैठक विकास की रूप रेखा तैयार करने के लिए समिति का गठन किया गया

आजमगढ़Sep 20, 2019 / 06:17 pm

Ashish Shukla

big hindi news

पूर्वांचल विकास बोर्ड की पहली बैठक विकास की रूप रेखा तैयार करने के लिए समिति का गठन किया गया

आजमगढ़. यूपी की सत्ता में आने के बाद सीएम योगी द्वारा गठित पूर्वांचाल विकास बोर्ड ढ़ाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद सक्रिय किया जा रहा है। ढाई साल तक उपेक्षा का शिकार रहे पूर्वांचल के आजमगढ़ में शुक्रवार को विकास बोर्ड की पहली बैठक उपाध्यक्ष पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह व मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी राजू की उपस्थिति में हुई। इस दौरान आजमगढ़ मंडल की समस्याओं पर चर्चा हुई। विकास की रूप रेखा तैयार करने के लिए समिति का गठन किया गया।
बता दें कि वर्ष 2017 में यूपी में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल के विकास को प्राथमिकता देते हुए पूर्वांचल विकास बोर्ड का गठन किया था। इस बोर्ड के अध्यक्ष वे स्वयं है। सीएम हमेशा से कहते रहे कि पूर्वांचल का आजमगढ़ उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है लेकिन बोर्ड के गठन के बाद सरकार भूल गयी कि उसे सक्रिय भी करना है। अब सरकार के कार्यकाल का ढ़ाई साल पूरा होने का जश्न मना रहे है तो सीएम को पूर्वांचल की याद आयी है।
उन्होंने 9 जुलाई को पूर्वांचल विकास बोर्ड की लखनऊ में बैठक की थी उसी समय निर्देश दिया था कि मंडल स्तर पर बोर्ड की बैठक कर विकास का खाका तैयार किया जाय। निर्देश के दो महीने बाद बोर्ड की आजमगढ़ में पहली बैठकआज हुई जिसकी अध्यक्षता पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह ने की। बैठक में मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी राजू भी शामिल हुए। इस दौरान मंडल के अधिकारियों से विकास के बारे में चर्चा की गयी।
वही मीडिया से बातचीत के दौरान नरेंद्र सिंह ने कहा कि नौ जुलाई को बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक हुई थी। उसी समय उन्होंने निर्देश दिया था कि मंडल स्तर पर बैठक कर विकास की रूपरेखा तैयार की जाय। इसी परिपेक्ष में आज बैठक हुई है। इसमें सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संचयन, पर्यटन आदि की कठिनाइयों पर चर्चा की गयी। इस दौरान 13 समितियों का गठन किया गया है। प्रत्येक समिति में बोर्ड के दो मेंबर, मंडल के अधिकारी, अभियोजन अधिकारियों, विश्वविद्यालय के एक्सपर्ट शामिल किए गए है। एक से डेढ़ माह में समितिया सर्वे कर अगली बैठक में अपनी रिपोर्ट देगी। जिन क्षेत्रों में विकास की जरूरत होगी कराया जाएगा।
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