बता दें कि जनवरी माह में लखनऊ में मऊ जिले के मोहम्दाबाद गोहना के रहे वाले हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या कर दी गयी थी। इस हत्या की पूरी साजिश आजमगढ़ जेल में बंद कुख्यात अपराधी माफिया कुंटू सिंह व अखंड प्रताप सिंह ने रची थी। दोनों के करीबी बदमाशों ने हत्या को अंजाम भी दिया था।
इसके अलावा पिछलेे वर्ष जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों ने जमकर हंगामा व तोड़फोड़ के साथ आगजनी भी की थी। हफ्तों तक जेल में बवाल चला था। बंदियों की निगरानी के लिए जेल में सीसीटीवी कैमरे तो लगे थे लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहे थे। इस घटना के बाद से आजमगढ़ जेल को प्रदेश के 17 अतिसंवेदनशील जेलों में शामिल किया गया है।
जेल प्रशासन ने जेल परिसर के अलावा बाहर की हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए शासन से ड्रोन कैमरा के साथ ही उच्च तकनीकी के सीसीटीवी कैमरे के लिए पत्र लिखा था। जेल प्रशासन की मांग पर शासन ने उच्च क्षमता वाला एक ड्रोन कैमरा उपलब्ध कराया है। ड्रोन कैमरा मिलने से पूर्व जिला कारागार आजमगढ़ के दो बंदी रक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए कारागार मुख्यालय लखनऊ बुलाया गया था।
प्रशिक्षण लेने के बाद लखनऊ से दोनों बंदी रक्षक ड्रोन कैमरा लेकर शनिवार को जिला कारागार आ गए। यहां आने के बाद जेल अधिकारी के समक्ष उन्होंने शनिवार व रविवार को ड्रोन कैमरा को उड़ाकर उसका सफल ट्रायल भी दिखाया। अब जेल में कंट्रोल रूम स्थापित कर इनके लगातार उपयोग की योजना बनाई जा रही है। जेल अधीक्षक विनोद कुमार का कहना है कि ड्रोन कैमरे से जेल के अंदर से लेकर लगभग दो किलोमीटर की परिधि में हर जगह की निगरानी की जा सकती है। जेल परिसर में एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। अब बंदियों के साथ ही जेल के बाहर की गतिविधि पर भी हमारी नजर होगी।
BY Ran vijay singh