मुलायम के गढ़ में किशोरी की इज्जत तार-तार, पीड़िता ने की मौत की मांग
चोरी के आरोप में कसम खिलाने के बहाने किशोरी के साथ दरिंदगी, पीड़िता को जिंदगी नहीं मौत चाहिए
आजमगढ़•Sep 13, 2016 / 10:28 pm•
आजमगढ़. एक नाबालिग किशोरी पर मोबाइल चोरी का आरोप लगता है और गांव के दबंग देव स्थान पर कसम खिलाने के बहाने उसे गांव के बाहर ले जाकर हवस का शिकार बनाते हैं। उसके साथ ऐसी दरिंदगी करते हैं कि उसकी हालत बदतर हो जाती है। जब वहीं गरीब अस्पताल में उपचार के लिए जिला अस्पताल में पहुंचती है, तो यहां तैनात चिकित्सक सिर्फ कागज पर उसका उपचार करते हैं। आज हालत यह है कि किशोरी जिंदगी के बजाय मौत मांग रही है, लेकिन उसका दर्द सुनने को कोई तैयार नहीं है। यह हालत उस जिले की है जहां से मुलायम सिंह यादव सांसद है। अन्य जिलों को हालत क्या होगी अंदाजा लगाया जा सकता है।
घटना जहानागंज थाना क्षेत्र की है, जहां एक 16 वर्षीय किशोरी पर मोबाइल चोरी का आरोप लगाते हुए दो युवक गांव के बाहर स्थित देव स्थान पर कसम खिलाने के बहाने अपने साथ ले गये। वहां उसे बुरी तरह से मारापीटा। किशोरी के परिजनों की मानें, तो दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म भी किया। हमले में घायल किशोरी के कमर का हिस्सा बुरी तरह प्रभावित होने पर उसे बीते 6 अगस्त 2016 को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ दिनों तक उपचार चलने के बाद अस्पताल के चिकित्सकों ने उसकी तरफ ध्यान देना छोड़ दिया। परिजनों ने जब विरोध किया, तो चिकित्सकों ने हायर सेंटर के रेफर करने की धमकी दी।
किशोरी का परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर था, इसलिए उन्होंने मिन्नत की कि यहीं उपचार किया जाय। उसे रेफर तो नहीं किया गया, लेकिन किसी डॉक्टर ने एक पखवारे से उसकी तरफ मुड़कर नहीं देखा। हालत यह है कि नर्स जाती है और कुछ दवाये दे देती हैं। यानि सिर्फ कागज पर किशोरी का उपचार चल रहा है। किशोरी दर्द से कराहती रहती है लेकिन उसकी कोई नहीं सुनता।
मंगलवार को जब मीडिया के लोग मौके पर पहुंचे तो परिजनों ने बताया कि पिछले एक पखवारे से अस्पताल का कोई डॉक्टर या कर्मचारी मरीज का हाल तक जानने नहीं आया। पीड़िता की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।
सवाल यह है कि यदि गरीबों के साथ ऐसा ही सुलूक होना है तो फिर झूठे वादे किसलिए। वैसे आजमगढ़ में जिला अस्पताल परिसर में ही ट्रामा सेंटर और रिजनल डाइग्नोसिस सेंटर तक हैं। लेकिन कोई फायदा नहीं। आये दिन इस तरह के मामले प्रकाश में आते है और सीएमओ से लेकर डीएम तक आंख बंद रखते है।