प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 50 फीसद वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वाले 10 गांव को शामिल किया जाना है। इन गांवों को विकसित करने के लिए सबसे पहले गांवों में शुद्ध पेयजल की दिशा में काम होगा। इसके बाद बिजली व्यवस्था को सुव्यवस्थित की जाएगी। गांवों की गलियों से लेकर मुख्य मार्ग तक की सड़कें ठीक होंगी। इसके साथ ही शिक्षण संस्थान, स्वास्थ्य केंद्र, खेलकूद के लिए मैदान, ग्रामीण पार्क का निर्माण होगा। स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। इसमें महती भूमिका मनरेगा का होगा। कृषि एवं पशुपालन के व्यवसाय को भी प्रोत्साहित करने की योजनाएं संचालित की जाएंगी ताकि सामाजिक व आर्थिक रूप से लोग मजबूत हो सके। प्रत्येक गांव के विकास के लिए 21 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से एक लाख रुपये प्रशासनिक व्यय एवं 20 लाख रुपये के अन्य कार्य कराए जाएंगे। इसके अलावा तमाम सरकारी विभाग भी इन गांवों के विकास में योगदान देंगे। जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार यादव का कहना है कि अनुसूचित जाति-जनजाति बाहुल्य गांवों को मॉडल के तौर पर विकसित करने की योजना है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के तहत 10 गांवों का चयन हो गया है। जल्द ही इस वित्तीय वर्ष में 10 गांवों का चयन होने वाला है।