बता दें कि जिले में गेहूं खरीद के लिए विभिन्न एजेंसियों के कुल 77 क्रय केंद्र स्थापित हैं। जिसमें खाद्य विभाग के 30, पीसीएफ के 45 और भारतीय खाद्य निगम के दो केंद्र शामिल हैं। 17 जून तक किसानों से 64388 टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। जो गत वर्ष का डेढ़ गुना है। फिर भी अभी 10 प्रतिशत से अधिक किसान अपना गेहूं नहीं बेच पाए है। पहले लाॅकडाउन और चुनाव के चलते गेंहू की खरीद प्रभावित रही फिर बरसात लगातार किसानों के राह का रोड़ा बनी हुई है। सरकार किसानों का गेहूं 1975 रुपये प्रति कुंतल खरीद रही है जबकि बाजार में कारोबारी 1500 से 1600 रुपये कुंतल खरीदारी कर रहे है। कोरोना संक्रमण के चलते महीने में दो बार खाद्यान्न वितरण के कारण गांव में भी गेहूं की मांग नहीं है। ऐसे में हर किसान अपना गेहूं सरकार को बेचना चाहता है।
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सरकार ने गेहूं खरीद के लिए पहले 15 जून तक का समय निर्धारित किया था। इसके बाद भी जब क्रय केंद्रों पर भीड़ बनी रही तो एक सप्ताह का समय बढ़ाते हुए खरीद की अंतिम तिथि 22 जून कर दी गयी। वहीं दस जून के बाद जिले में बायोमीट्रिक मशीन से खरीद अनिवार्य कर दी गयी। बायोमीट्रिक मशीन 15 जून के बाद से सही काम नहीं कर रही है। ऐसे में खरीद प्रभावित है। क्रय केंद्र के बाहर किसानों का गेहूं पड़ा हुआ है लगातार बरसात में गेहूं भीगकर बर्बाद हो रहा है। किसान अपने गेहूं की तौल के लिए परेशान हैं। किसान ट्रालियों पर गेहूं लादे खरीद का इंतजार कर रहे हैं।
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किसान सुभाष यादव, राजेंद्र सिंह, अंजेश यादव आदि का कहना है कि 15 जून को ही बायोमेट्रिक मशीन से फीडिग बंद कर दी गई, जो अब तक बंद है। जिसके कारण उनके गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है। फीडिग बंद होने से इसमें लगे कर्मचारी भी परेशान हैं। क्रय केंद्र प्रभारी कौरा गहनी सुरेंद्र कुमार व विपणन निरीक्षक जीयनपुर संतोष यादव का कहना है कि शासन द्वारा 22 जून तक खरीद की समय सीमा बढ़ा दी गई है, लेकिन बायोमेट्रिक मशीन से फीडिग अब तक बंद है। बायोमीट्रिक फीलिग करते समय केवल यही बता रहा है की आपके क्रय केंद्र का तौल कांटा बंद होने के कारण खरीद नहीं की जा सकती। अगर बायोमेट्रिक मशीन खुल जाती तो तुरंत खरीद हो जाती।
BY Ran vijay singh