बता दें कि जिले में कुल जिला पंचायत सदस्य की 84 सीट है। सपा के गढ़ आजमगढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अधिकतर समाजवादी पार्टी या बसपा का ही कब्जा रहा है लेकिन इस बार अध्यक्ष की कुर्सी के लिए सत्ताधारी भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा ने अति पिछड़ी जाति से आने वाले संजय निषाद को मैदान में उतारा है तो सपा ने सपा पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के पुत्र पूर्व ब्लाक प्रमुख विजय यादव को मैदान में उतारा है।
दोनों के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। कारण कि सामने विधानसभा चुनाव है। पंचायत में हारने वाली पार्टी को विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए साम, दाम, दंड, भेद की नीति खुलकर अपनाई जा रही है। तीन जुलाई को पूर्वांह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान और उसी दिन तीन बजे से कार्य की समाप्ति तक मतगणना होगी।
सपा की तरफ से दुर्गाप्रसाद यादव के साथ बाहुबली रमाकांत यादव ने कमान संभाल रखी है तो बीजेपी ने पूरे संगठन को मैदान में उतार दिया है। इस चुनाव में सपा के सामने गढ़ बचाने की चुनौती है। जबकि भाजपा के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। उसे पहली बार जीतने की कोशिश करनी है। चुंकि चुनाव सपा मुखिया अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में है इसलिए दोनों दल इसे प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे हैं।
BY Ran vijay singh