मामला गांव शिकोहपुर का है। जहां पर दो परिवार के 15 सदस्यों ने पांच साल पहले हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। यह जानकारी जब हिंदू संगठनों को लगी तो उन्होंने शिकोहपुर गांव में डेरा डाल दिया। गांव के गणमान्य लोगों की मदद से दोनों परिवार के सदस्यों के संपर्क में थे। दोनों परिवारों के मुखिया देवेंद्र और रामअवतार से बातचीत कर उन्हें हिंदू धर्म में वापसी के लिए राजी कर लिया गया। इसके बाद दोनों परिवार के सभी सदस्यों का गंगाजल से शुद्धिकरण करते हुए शपथ दिलाते हुए हिंदू धर्म में वापसी कराई। उन्हें हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर, पुस्तक और मूर्तियां सौंपी गई और पूजा-अर्चना भी कराई। उनके घरों से ईसाई धर्म की पुस्तकों को हटा दिया गया है।
यह भी पढ़े : Income Tax Raid : जिले के इतिहास में सबसे बड़ी छापेमारी, अखिलेश के करीबी बिल्डर के यहां मिले महत्वपूर्ण सुराग वहीं दूसरी ओर एक थाना खेकड़ा के गांव मुबारिकपुर में बीचों—बीच मैदान में लगाए गए टैंट में पंडित और कर्मकांडी ब्राहमण मंत्रोच्चारणों के बीच एक परिवार के छह लोगों को जनेऊ धारण करवाया गया। ये वो लोग थे जो कि हिंदू धर्म त्यागकर ईसाई धर्म को स्वीकार कर चुके थे। ग्रामीणों की मानें तो जिस समय इस पूरे परिवार ने ईसाई धर्म स्वीकार किया था उस दौरान उन्होंने समझाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन परिवार ने ग्रामीणों का कहना नहीं माना। लेकिन जब ये बात हिंदू संगठन के पदाधिकारियों को लगी तो उन्होंने पूरे परिवार को वापस हिंदू धर्म में लाने की कोशिश की।
यह भी पढ़े : DM ने शादी अनुदान योजना का आवेदक बन किया अपनी शादी के लिए फोन, मामला जान हो जाएंगे हैरान गांव मुबारिकपुर में हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने ईसाई धर्म अपनाने वाले एक परिवार के छह लोगों की हिंदू धर्म में वापसी करवाई है। इस परिवार ने हिंदू समाज और हिंदू जागरण मंच के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में यज्ञ और मंत्रोच्चारण के बीच हिंदू धर्म को स्वीकार किया। हिंदू संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि वे सप्ताह में तीन परिवार के 21 लोगों की हिंदू धर्म में वापसी करवा चुके हैं।