बता दे कि दिल्ली और एनसीआर में ईंट की 80 प्रतिशत सप्लाई बागपत से होती है। ट्रकों के दिल्ली में घुसने से प्रतिबंध लगने पर बागपत का भट्ठा व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है। एक दिन में भटठा मालिकों केा 350 करोड़ रुपये की चोट लगी है।
पश्चिमी उप्र से जाने वाले ट्रकों को सीमा पर रोका
पश्चिमी उप्र के जिलों बागपत,हापुड,मेरठ,शामली आदि से दिल्ली जाने वाले ट्रकों को सीमा पर ही रोका जा रहा है। इन ट्रकों में सर्वाधिक ट्रक ईंट से भरे हुए हैं। जिससे बागपत के ईंट भट्ठा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। बता दे कि अकेले बागपत में ही करीब 450 ईंट भट्ठे हैं जो कि दिल्ली और एनसीआर में ईंट की जरूरतों को पूरा करते हैं। ये सभी भटठे इस समय चल रहे हैं।
पश्चिमी उप्र से जाने वाले ट्रकों को सीमा पर रोका
पश्चिमी उप्र के जिलों बागपत,हापुड,मेरठ,शामली आदि से दिल्ली जाने वाले ट्रकों को सीमा पर ही रोका जा रहा है। इन ट्रकों में सर्वाधिक ट्रक ईंट से भरे हुए हैं। जिससे बागपत के ईंट भट्ठा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। बता दे कि अकेले बागपत में ही करीब 450 ईंट भट्ठे हैं जो कि दिल्ली और एनसीआर में ईंट की जरूरतों को पूरा करते हैं। ये सभी भटठे इस समय चल रहे हैं।
ये भी पढ़े: गेंदा के फूलों की खेती कर मालामाल होंगे किसान,अनुदान दे रही सरकार इन भट्ठों से करीब एक हजार ट्रक रोजाना दिल्ली और एनसीआर में ईंट सप्लाई करते है। बागपत के ईंट भटठा संघ के अनुसार एक ट्रक में करीब छह हजार ईंट जाती है और इस तरह से साठ लाख ईंट रोजाना दिल्ली में सप्लाई होती है। यह साठ लाख ईंट करीब 350 करोड़ रुपये की होती है। इस समय ईंटों की सप्लाई पूरी तरह से ठप है। यहां से ईंटों की सप्लाई दिल्ली में सबसे ज्यादा होती है तो नोएडा व गाजियाबाद भी काफी ईंट सप्लाई की जाती है। लेकिन इन सभी जगहों पर ईंट सप्लाई पर रोक लगी हुई है। अगर प्रदूषण कम नहीं होता तो इस रोक को दिल्ली सरकार और बढ़ा सकती है। यदि यह रोक बढ़ती रही तो भट्ठा व्यवसाय की हालत खस्ता हो जाएगी।